किसानों ने कहा,कृषि कानून के रद्द से कम कुछ नहीं मंजूर !
किसानों और केंद्र सरकार के बीच कृषि कानूनों को लेकर चर्चा पे चर्चा और फिर से चर्चा करने के लिए तारीख़ तय। किसानों और केंद्र सरकार के बीच 05 दिसंबर 2020 का परिणाम शून्य।अब नया तारीख़ 9 दिसंबर तय हुआ है।
किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने मीटिंग में केंद्र सरकार से साफ कहा कि वो अपनी मांगों से पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास एक साल का राशन-पानी है। हम कई दिनों से सड़क पर हैं। अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर ही रहें तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। हम हिंसा का रास्ता नहीं चुनेंगे। इंटेलिजेंस ब्यूरो आपको सूचना देगा कि हम प्रदर्शन स्थल पर क्या करने जा रहे हैं। हम कॉर्पोरेट फार्मिंग नहीं चाहते हैं। इस कानून से सरकार फायदे में रहेगी ना कि किसान।कृषि क़ानून रद्द करने से कम पर हम तैयार नहीं’
कृषि मंत्री केंद्रीय कृषि मंत्री किसानों की सभी शंकाओं का समाधान किया जाएगा। इसके लिए मैंने संगठनों से आग्रह किया कि उनके जो भी बिंदु या सुझाव हैं, वे एक-दो दिन में दे दें। सर्दी व कोविड के चलते, मैंने सभी किसान भाइयों से कहा कि वे इस आंदोलन को खत्म करें व बुजुर्गों-बच्चों को तुरंत घर भेजने की अपील भी की।