कोरोना महामारी का हवाला देकर सिर्फ धार्मिक गतिविधियों को रोकने वाले राज्य अजीब हैं। -सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली।। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि यह ‘अजीब’ था कि राज्य सरकारें आर्थिक हितों से जुड़ी गतिविधियों को खोल रही थीं, लेकिन जब धार्मिक गतिविधियों की बात आई तो कोविड-19 महामारी का हवाला देने लगीं।
द हिंदू के अनुसार, सीजेआई एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने 22 और 23 अगस्त को पर्यूषण पर्व पर दादर, बायकुला और चेंबूर में मंदिरों को खोलने के लिए श्री पार्श्वतिलक श्वेतांबर मूर्तिपूजक तपागच्छ जैन ट्रस्ट की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही।
सीजेआई बोबड़े ने मौखिक रूप से कहा, ‘हमें यह अजीब लगता है कि वे आर्थिक हितों से जुड़ी गतिविधियों की अनुमति देने के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर इसमें धर्म शामिल है तो वे कोविड का हवाला देते हुए कहते हैं कि वे नहीं खोल सकते हैं।’
वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे द्वारा मॉल्स, सैलून और शराब की दुकानों को खोलने के लिए राज्यों की नीति पर सवाल उठाने पर जस्टिस बोबड़े ने यह टिप्पणी की।
जस्टिस बोबड़े कहा कि शराब की दुकानों के सामने लंबी कतारें थीं। उन्होंने पूछा कि अगर केंद्र धार्मिक सभाओं को आयोजित करने की अनुमति दे रहा है, तो इन जैन मंदिरों में पूजा करने वालों को पूजा का अधिकार देने से कैसे इनकार किया जा सकता है।