दूसरी पत्नी का बच्चा भी होगा अनुकंपा नियुक्ति का पात्र। – सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को एक अहम फैसला लिया है। कोर्ट (Court) ने फैसला सुनाते हुए कहा, कि अब सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद दूसरी पत्नी का बच्चा भी अनुकंपा नियुक्ति का पात्र होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट्, और न्यायमूर्ति पी एस नरसिंह की पीठ ने अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में एक बड़ा निर्णय दिया है।
क्या कहा कोर्ट ने
तीनों जजों की पीठ ने कहा, अधिकारियों को यह परखने का अधिकार होगा, कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन कानून के अनुसार अन्य सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है या नहीं। कोर्ट ने कहा, कानून के आधार वाली अनुकंपा नियुक्ति की नीति में वंशानुक्रम सहित अनुच्छेद 16 (Article 16) में वर्णित किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए।इस संबंध में वंश को किसी व्यक्ति के पारिवारिक मूल को शामिल करने के लिए समझा जाना चाहिए।
क्या था मामला ?
कोर्ट ने 18 जनवरी 2018 में पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) के दिए गए आदेश को खारिज करते हुए कहा, कि मुकेश कुमार की अनुकंपा नियुक्ति पर योजना के तहत केवल इसलिए विचार करने से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह दूसरी पत्नी का बेटा है। रेलवे की मौजूदा नीति के अनुसार उसके मामले पर विचार करने का निर्देश दिया जाता है।
आपको बता दें, जगदीश हरिजन 16 नवंबर 1977 को भारतीय रेलवे में कर्मचारी नियुक्त हुआ था। उसकी दो पत्नियां थी। पहली पत्नी गायत्री देवी और दूसरी पत्नी कोनिका देवी। 24 फरवरी 2014 को सेवा में रहते हुए जगदीश हरिजन की मृत्यु हो गई थी। उसकी मृत्यु के तुरंत बाद उसकी पहली पत्नी गायत्री देवी ने 17 मई 2014 को एक आवेदन दिया था। जिसमें उसने अपने सौतेले बेटे मुकेश कुमार को योजना के तहत अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने की मांग की थी।