देश की 84% आबादी प्रदूषण में, 5.2 साल घट गई जिंदगी
नई दिल्ली।। भारत में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लगा।सड़कें सूनी,काकाज ठप पड़ा रहा और लोग घरों में लॉकडाउन खुलने का इंतज़ार कर रहे थे। इन सबके बीच एक अच्छी ख़बर ये थी कि लॉकडाउन की वजह से भारत की राजधानी दिल्ली समेत तमाम दूसरे शहरों में वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण में भारी कमी आई है। लेकिन, शिकागो यूनिवर्सिटी के द एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट ने खुलासा किया है कि भारत में लोगों के जीने के साल कम हो रहे हैं। इसके पीछे की वजह है प्रदूषण।
यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक़ प्रदूषण की वजह से भारत में जीवन प्रत्याशा (इंसान की औसत उम्र) 5.2 साल घट गई है. इसमें कहा गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि भारत कुछ साल में अपना प्रदूषण स्तर 25% घटा लेता है तोलाइफ एक्सपेक्टेंसी 1.6 साल बढ़ जाएगी. वहीं, दिल्ली के लोगों के लिए ये 3.1 साल बढ़ जाएगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन का जिक्र करते हुए कहा गया है कि भारत की पूरी आबादी प्रदूषण में जी रही है। वहीं, भारत की अपनी प्रदूषण की गाइडलाइन के अनुसार, 84% आबादी प्रदूषण में जी रही है।