दो मासूम बच्चो की मौत के मामले में मेडिकल संचालक पर हुआ FIR
सिंगरौली जिले में बिना मध्यप्रदेश शासन द्वरा जारी पंजीयन के झोलाछाप (jholachhap doctor) एंव बंगाली डॉक्टर क्लीनिक खोल कर लोगो के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे है।जिले में दो गरीब बच्चों के मौत के बाद यह बात जन चर्चा का विषय बना हुआ है के स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों द्वारा इन लोगो पर कार्यवाही क्यों नही होती?
मामला जिले के निगरी क्षेत्र का प्रकाश में आया है जहां दो मासूम बच्चों की झोलाछाप डॉक्टर (jholachhap doctor) की वजह से मौत हो गई इतना ही नही पूर्व में भी झोलाछाप डॉक्टरो की वजह से कई लोगो की मौत हो चुकी है।
क्या था मामला
बीते दिनों जिले के निगरी चौकी क्षेत्र में रोशनी साकेत पिता राजमणि साकेत उम्र 5 वर्ष एंव रूपेश साकेत पिता राजमणि साकेत उम्र 2 वर्ष निवासी निवास इन दोनों मासूम बच्चों का स्वास्थ खराब होने पर इनकी मां निवास में संचालित पवन मेडिकल में ले गई थी जहां मेडिकल संचालक ने बिना डॉक्टर के पर्ची के खुद ही डॉक्टर बनकर बच्चो को दवा दिया एंव इजेक्शन लगाया उसके बाद बच्चों की मां अपने बच्चों को लेकर घर चली गई लेकिन अगले दिन उन दोनों मासूम बच्चों की मौत हो गई।उक्त मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुँची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर शव का पंचनामा तैयार कर जांच में जुट गई।
मेडिकल संचालक पर FIR दर्ज
मेडिकल संचालक ने बिना किसी डॉक्टर के लिखे बच्चों को दवा को दिया था जो नियम के विरुद्ध है जिसपर निगरी पुलिस ने उच्च अधिकारियों के निर्देश पर पवन मेडिकल संचालक एंव उसकी पत्नी के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध कर जब उनको गिरफ्तार करने के लिए उसके घर पहुँची तो मेडिकल संचालक एवं उसकी पत्नी घर से फ़रार हो चुके थे,दोनो की तलाश में पुलिस में जुट गई हालांकि बच्चों की मौत का कारण अभी स्पष्ट नही हो पाया है।
जिले जगह-जगह पर संचालित है बंगाली एवं झोलाछाप डॉक्टरों की क्लिनिकल
जिले में हर गली चौराहे पर संचालित है बंगाली डॉक्टर एंव झोलाछाप डॉक्टरो की क्लीनिक लेकिन बड़े ताबजुब की बात है कि इन बंगाली एंव झोलाछाप डॉक्टरो पर स्वास्थ विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही नही किया जा रहा है।
एक नाम से तीन जगह संचालित है डॉ. बी. के पांडेय की क्लीनिक
बड़े ताज्जुब की बात है कि डॉ. बी.के . पांडेय के नाम से सिंगरौली,बैढन रामलीला ग्राउंड के पीछे एंव शक्तिनगर में क्लीनिक संचालित कर बंगाली डॉक्टर साहब मनमानी तरीके से अपना क्लीनिक संचालित कर लोगो का उपचार कर रहे है एंव लोगो को दवा दे रहे है उसके बाद भी इनके विरुद्ध स्वास्थ विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नही किया जा रहा है।
इतना ही नही जिले के बैढ़न, बरगवां, सिंगरौली, माड़ा, चितंरगी क्षेत्र के दुधमनिया,सरई आदि कई क्षेत्रों में बंगाली डॉक्टर अपना क्लीनिक संचालित कर खुलेआम लोगो को उपचार कर रहे है और दवा दे रहे है।
आखिर कितने मौतों के बाद जागेगा स्वास्थ विभाग,क्या कभी जिले में फैले बंगाली डॉक्टरो एंव झोलाछाप डॉक्टरों पर स्वास्थ विभाग के द्वारा कोई ठोस कार्यवाही करेगी या ऐसे झोलाछाप डॉक्टर एंव बंगाली डॉक्टर लोगो के जिंदगी के साथ करते रहेंगे खिलवाड़।