भू अधिकार पत्र मिलने के बाद निर्भय हो कर खेती कर रहे हैं मनफेर सिंह।
वनाधिकार अधिनियम के तहत मिलने वाला land rights letter भू अधिकार पत्र कहने को तो छोटा सा कागज है। लेकिन इस कागज से भू अधिकार पत्र पाने वाले अनुसूचित जनजाति परिवारों के जीवन में बहुत बदलाव किया है।
जिस जमीन पर आदिवासी परिवार डर-डर कर बड़ी मुश्किल में खेती करते थे उसी में अब निर्भय होकर खेती कर रहे हैं। इसी तरह के वनाधिकार पत्र प्राप्त करने वाले सिंगरौली जिले के ग्राम गीर निवासी मनफेर सिंह गोड़ हैं। उनका गांव चितरंगी विकासखण्ड में स्थित है।
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मनफेर सिंह का परिवार 1990 से वन भूमि पर खेती करता रहा है। उनकी जमीन 2.8 हेक्टेयर है। इस जमीन पर वनाधिकार अधिनियम के तहत शासन द्वारा मनफेर सिंह को land rights letter भू अधिकार पत्र प्रदान किया गया है।
इस पर खेती करके मनफेर सिंह अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पट्टा मिल जाने से निर्भय और निÏश्चत होकर खेती कर पा रहे हैं। सरकारी दुकान से हर महीने अनाज भी प्राप्त हो रहा है।