मध्यप्रदेश स्थापना दिवस : कब,कैसे हुआ था मध्यप्रदेश का गठन
मध्यप्रदेश देश का हृदय प्रदेश है। प्रदेश ने विकास के नए आयामों को छुआ है। गत डेढ़ दशक में विकास में नागरिकों की भागीदारी भी सराहनीय रही है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश की स्थापना दिवस एक नवम्बर के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश की स्थापना दिवस एक नवम्बर के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ दी हैं।
कब हुआ था मध्यप्रदेश का गठन ?
CM चौहान ने कहा कि यह स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव वर्ष भी है। एक नवम्बर 1956 को प्रदेश का गठन हुआ था। आज प्रदेश का 66वां स्थापना दिवस है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नागरिकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में मध्यप्रदेश प्रगति के नए-नए उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
क्या है मध्यप्रदेश स्थापना दिवस का थीम ?
मध्यप्रदेश का 66वाँ स्थापना दिवस ‘मध्यप्रदेश उत्सव’ सोमवार एक नवंबर को “आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश” की थीम पर मनाया जाएगा। प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि राज्य स्तर पर “मध्यप्रदेश उत्सव” का भव्य आयोजन लाल परेड ग्राउंड में शाम 6:30 बजे होगा। उत्सव का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध पार्श्व गायक श्री मोहित चौहान की संगीतमय प्रस्तुति होगी। साथ ही “आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश” की थीम पर दिल्ली की प्रसिद्ध कोरियोग्राफर सुश्री मैत्री पहाड़ी के निर्देशन में लगभग 275 साथी कलाकारों की समवेत नृत्य-नाट्य की प्रस्तुति होगी। करीब 45 से 50 मिनट की अवधि के नृत्य-नाटक को ध्वनि प्रकाश माध्यमों से प्रस्तुत किया जाएगा। कार्यक्रम का प्रसारण सीएम मध्यप्रदेश, जनसंपर्क एमपी और संस्कृति विभाग के फेसबुक, ट्वीटर सहित डीडी एमपी चैनल पर किया जायेगा।
कार्यक्रम में लाल परेड ग्राउंड पर अति-विशिष्ट व्यक्तियों का आगमन और निर्गम सत्कार द्वार से, विशिष्ट व्यक्तियों का आगमन ‘सत्कार द्वार’ से और निर्गम ‘आईटीआई द्वार’ से तथा अन्य सभी व्यक्तियों का आगमन और निर्गम व्यवस्था ‘विजय द्वार’ से की गई है। कार्यक्रमों में कोविड-19 संबंधी गाइड-लाइन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
किन जिलों में नहीं होगा समारोह !
उप निर्वाचन वाले जिलों को छोड़कर सभी जिला मुख्यालयों पर समारोह आयोजित किया जाएगा। मुख्य रूप से “आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए जन-भागीदारी अभियान” पर केंद्रित गायन, वादन, नृत्य, वाद-विवाद प्रतियोगिता, मैराथन दौड़, रैली, प्रभात फेरी आदि किए जाएंगे। प्रमुख शासकीय भवनों और ऐतिहासिक इमारतों पर एक नवंबर की रात्रि को प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी।
मध्य प्रदेश के पहले राजधानी का क्या नाम था ?
आज़ादी से पहले मध्य प्रदेश क्षेत्र अपने वर्तमान स्वरूप से अलग था। तब यह 3-4 हिस्सों में बटा हुआ था। 1950 में पहली बार मध्य प्रांत और बरार को छत्तीसगढ़ और मकराइ रियासतों के साथ मिलकर मध्य प्रदेश का गठन किया गया था। तब इसकी राजधानी नागपुर में थी।
इसके बाद 1 नवंबर 1956 को मध्य भारत, विंध्य प्रदेश तथा भोपाल राज्यों को भी इसमें ही मिला दिया गया, जबकि दक्षिण के मराठी भाषी विदर्भ क्षेत्र को (राजधानी नागपुर समेत) बॉम्बे राज्य में स्थानांतरित कर दिया गया।
सीहोर जिले का तहसील कैसे बना मध्यप्रदेश की राजधानी?
पहले जबलपुर को राज्य की राजधानी के रूप में चिन्हित किया जा रहा था, परन्तु अंतिम क्षणों में इस निर्णय को पलटकर भोपाल को राज्य की नवीन राजधानी घोषित कर दिया गया। जो कि सीहोर जिले की एक तहसील हुआ करता था।
मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री का नाम क्या था ?
मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री का नाम पं.रविशंकर शुक्ल था। आप ने 1 नवंबर,1956 कोका लाल परेड ग्राउंड पर पहला भाषण दिया।