मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पताल में पांच साल में 68000 से ज्यादा नवजातों की मौत!

मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त होने के भले ही लाख दावे किए जा रहे हों लेकिन जमीनी हक़ीक़त कुछ और ही बयान करती है। मंगलवार को विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी ने बताया कि हमीदिया अस्पताल में वर्ष 2016 से वर्ष 2021 के बीच 68301 नवजात की मौत हुई जबकि पिछले 1 साल में प्रदेश के सरकारी अस्पताल में 136602 नवजात ने दम तोड़ा  यानी हर महीने 1138 और हर दिन 37 बच्चे की मौत हुई। 

यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दिए।

स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दिए गए उत्तर के अनुसार, 2016-17 से 2020-21 तक 68,301 नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई, जिसमें सबसे अधिक 14,759 मौतें 2019-20 में हुईं। एसएनसीयू में इलाज किए गए नवजात शिशुओं की कुल संख्या 500996 थी, जिनमें से 68301 की मृत्यु हो गई।

इस अवधि के दौरान एसएनसीयू में भर्ती नवजात शिशुओं की संख्या में 2016-17 में 93630, 2017-18 में 95231, 2018-19 में 101854, 2019-20 में 111133 और 2020-21 में 99148 शामिल हैं।

भर्ती किए गए नवजात शिशुओं में से 2016-17 में 12952, 2017-18 में 13106, 2018-19 में 13954, 2019-20 में 14759 और 2020-21 में 13530 की मौत हुई।

बता दें कि भोपाल का हमीदिया अस्पताल प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है जिसका सालाना बजट 18 करोड से भी ज्यादा है। जबकि पेडियाट्रिक विभाग के इलाज सुविधाओं पर खर्च लगभग  3 करोड रुपए होता है बावजूद इसके यहां नवजात की मौत थम नहीं सका। 

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