लखीमपुर हिंसा: मृतक किसान के परिवारों को मिलेगा 45-45 लाख रुपये और सरकारी नौकरी।
लखीमपुर में भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत की मौजूदगी में अतिरिक्त महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने घायलों को मुआवजा, नौकरी और आर्थिक मदद देने के सरकार के फैसले की घोषणा की ।
किसानों के बीच समझौते के तहत लखीमपुर में मारे गये चार किसान परिवारों को 45-45 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को स्थानीय स्तर पर योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। जबकि घायलों को बेहतर इलाज के लिये 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
किसानों की मांग पर मामले की न्यायिक जांच उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायधीश से करायी जायेंगी।अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि इस मामले में दोषी कोई भी व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी।
- मृतकों के परिजनों 45-45 लाख मुआवजा दिया जाएगा।
- घायलों को बहतर इलाज़ के लिए 10-10 लाख दिया जाएगा।
- मृतक परिवार के एक सदस्य को नौकरी।
- HC के रिटायर्ड जज की निगरानी में घटना की जांच होगी।
- 8 दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी का भरोसा दिया गया है।
लखिमपुर में क्या हुआ था ?
रविवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव में आयोजित किए जा रहे एक कार्यक्रम में शिरकत करने के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी जिससे उनकी मौत हुई। इस मामले में आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
लखीमपुर खीरी हिंसा में अबतक 9 मौत !