शराबबंदी से प्रदेश नशा मुक्त नहीं होने वाला।- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
मध्यप्रदेश में शराब को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज है। जहां एक और भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराबबंदी को लेकर आवाज उठा रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है की शराबबंदी से प्रदेश नशा मुक्त नहीं होने वाला।
जी हां यह तो सभी जानते हैं की दोनों ही भाजपा से होने के बावजूद दोनों नेताओं के बीच में हमेशा ही वैचारिक मतभेद देखने को मिला है। इस बार भी मामला कुछ इसी प्रकार का है। शिवराज सरकार शराब की होम डिलीवरी की योजना का मन बना रही है। इसी बीच उमा भारती शराबबंदी को लेकर आंदोलन के मूड में नजर आ रही है। उन्होंने शराब की ऑनलाइन बिक्री और नई दुकाने खोले जाने के विरोध में आवाज उठाई है।
जिम्मेदार मां ही अपने बच्चे को जहर पिला दे।
उमा ने सोशल मीडिया पर शराब को लेकर टिप्पणी करते हुए लिखा है की “थोड़े से राजस्व का लालच और माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता। देखा जाए तो सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है। सरकारी तंत्र द्वारा शराब की दुकानें खोलना ऐसे ही है जैसे अपने बालक का पोषण करते हुए उसकी रक्षा करने के लिए जिम्मेदार मां ही अपने बच्चे को जहर पिला दे।
शराबबंदी से प्रदेश नशा मुक्त नहीं होने वाला।-मुख्यमंत्री
उमा के द्वारा सोशल मीडिया पर लिखे गए टिप्पणी ने शिवराज की मुश्किलें बढ़ा दी है। मगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक मंझे हुए राजनेता की तरह इस मुश्किल का हल ढूंढ निकाला है। श्री चौहान ने शनिवार को कटनी में लोगों से प्रदेश को नशा मुक्त बनाने का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा “हम प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए आपका सहयोग चाहिए। वह सिर्फ शराबबंदी से नहीं होगा। पीने वाले रहेंगे तो दारू आती रहेगी लोग यहां वहां से शराब लेकर आते रहेंगे। हम नशा मुक्ति अभियान चलाएंगे जिससे लोग पीना ही छोड़ दें।”
फिलहाल शराब को लेकर दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है अब देखना यह है कि ऊंट किस करवट बैठता है।