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शहीद बिरसा मुण्डा आदिवासी एवं पिछड़ो के उत्थान के प्रेरणास्त्रोत थे- राम लल्लू वैश्य

सिंगरौली : शहीद बिरसा मुण्डा की जयंती जन जाति गौरव दिवस के रूप मे मनाई गई।


बैढ़न कार्यालय।। शहीद बिरसा मुण्डा की जयंती मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में जन जाति गौरव दिवस के रूप मे मनाई गई। इस अवसर पर उपस्थित जन प्रतिनिधियो एवं अधिकारी कर्मचारियो के द्वारा शहीद बिरसा मुण्डा के प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित कर उन्हे नमन किया गया।


समारोह मे सिंगरौली विधान सभा के विधायक रामलल्लू वैश्य ने अपने उद्बोधन मे कहा कि अंग्रेजों के शासन काल में आदिवासी पिछड़ो, गरीबो, किसानो एवं भारत वासियों के शोषण,अन्याय एवं अत्याचार से व्यथित होकर शहीद बिरसा मुण्डा जी ने अपनी गरीबी, कम शिक्षा तथा संगठन की कमी को किनारे कर इन लोगो को स्वतंत्रता की प्राप्ति हेतु बढ़-चढ कर हिस्सेदारी निभाते हुए जीवन पर्यान्त पीछे मुड़कर नही देखा, इसी का परिणाम है कि आज हम स्वतंत्र होकर निश्चिन्ता पूर्वक जीवन यापन कर रहे है। वे हमारे प्रेरणा स्त्रोत,मार्गदर्शन तथा पथ प्रदर्षक थे। आज हम सबका यह दायित्व बनता है कि उनके द्वारा अन्याय के खिलाफ किए गए संघर्षा से प्रेरणा लें तथा एकजुट होकर अपनी उत्तरोत्तर प्रगति करें।

समारोह मे विधायक देवसर सुभाष रामचरित्र बर्मा ने कहा कि एक इष्ट के रूप मे पूजित बिरसा मुण्डा पूरे मुण्डा समाज के साथ साथ देश के आदिवासी समाज के अस्मिता थे। बिरसा मुण्डा जी बचपन से ही बड़े प्रतिभाशाली थे। हम सब को अपने बच्चो को शिक्षा का लाभ दिलाकर आगे बढ़ने की आवश्यता है। उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त बुराईयों से बचे और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़े, तभी हम सब का विकास हो पायेगा।


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जयंती समारोह के अवसर मे विधायक चितरंगी अमर सिंह ने शहीद बिरसा मुण्डा जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिरसा मुण्डा जी का जन्म झारखण्ड प्रदेश के रांची जिले में 15 नवम्बर 1875 को हुआ था। वे 2 वर्ष तक शिक्षा गृहण करने के पश्चात अनुसुचित जाति, जनजाति के लोगो पर अंग्रेजो द्वारा किए जा रहे अन्याय एवं अत्याचारो से मुक्ति दिलाने के कार्य में जुट गए। शहीद मुण्डा जी ने जल, जंगल एवं जमीन की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए अपने समाज को संगठित किया तथा श्री आनंद पाण्डेय जी के सनिध्य में धार्मिक शिक्षाएं गृहण कर अपने समाज के धर्म परिवर्तित लोगो को हिन्दु धर्म में वापस लाने का बीड़ा उठाया। अंग्रेजो ने उन्हें 2 वर्ष की सजा देकर जेल में रखा वे जेल से बाहर आने पर कुछ दिनो के पश्चात जनहितकारी कार्य करते हुए दुनिया को छोड़कर विदा हो गए।

शहीद बिरसा मुण्डा

कलेक्टर राजीव रंजन मीना ने जन नायक बिरसा मुण्डा को नमन करते हुये कहा कि कम उम्र में शहीद जननायक बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों की नीति एवं अत्याचार का विरोध करते हुए भारत माता के लिए अपने प्राण न्यौछावर किये है। वे भारत माता के सच्चे सपूत हैं, उनका नाम हमेशा याद किया जाएगा। उन्होने जनजाति समाज के नागरिकों से अपील किया कि पढ़ाई के लिए बच्चों को जागरूक करें। आपके बच्चों की पढ़ाई बहुत जरूरी है। जो विकास आप चाहते है, वह पढ़ाई ही ला सकती है। अगर बच्चा पढ़ा-लिखा होगा, तो उसे किसी भी क्षेत्र में कार्य करने में समस्या नहीं होगी, वह आसानी से कर सकेगा।

कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक बीरेन्द्र सिंह ने अपने उद्बोधन मे कहा कि हम सब को जन नायक बिरसा मुण्डा के बताये गये मार्ग मे चलकर देश एवं समाज के लिए कार्य करना है। तत्पश्चात बैढ़न शहर मे स्थापित शहीद बिरसा मुण्डा की प्रतिमा पर उपस्थित जन प्रतिनिधियो कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के द्वारा पुष्प अर्पित कर नमन किया गया।

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Tauheed Raja

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