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हैरिटेज मदिरा पॉलिसी के लिए टास्क फोर्स गठित

मध्यप्रदेश में कुल जनसंख्या की 21 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है। अभी भी बड़ी संख्या में आदिवासी परिवार जंगल या उसके आस-पास के इलाकों में निवासरत हैं, जिनके जीवकोपार्जन का प्रमुख साधन महुआ है। यह उनके खान-पान का हिस्सा भी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर महुआ की खरीदी होने से उनकी आय बढ़ेगी।

आदिवासियों के ही फार्मूले से ही बनेगा हेरिटेज ड्रिंक

केंद्र की महत्वाकांक्षी वन धन योजना के तहत ट्राइफेड इस परियोजना को आगे बढ़ाएगा। महुआ के फूल से बनने वाली मदिरा को ब्रांड बनाने के लिए ट्राइफेड आदिवासियों के ही फार्मूले का इस्तेमाल करेगा। उत्पाद के लिए आवश्यक महुए को आदिवासियों से सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। आदिवासी जिस विधि से महुआ मदिरा बनाते हैं, उसी विधि को थोड़ा सुधार कर यह हेरिटेज ड्रिंक बनेगा।

हैरिटेज मदिरा पॉलिसी के लिए टास्क फोर्स गठित

राज्य शासन ने हैरिटेज मदिरा पॉलिसी तैयार करने के लिए टास्क फोर्स गठित की है। प्रदेश में आदिवासियों की परंपरागत दक्षताओं के द्वष्टिगत उनकी आजीविका को बेहतर बनाने के उद्देश्य से इसे गठित किया गया हैं। प्रमुख सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल तथा प्रमुख सचिव आदिम जाति व अनुसूचित कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन टास्क फोर्स की सदस्य होंगी। प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर श्रीमती दीपाली रस्तोगी सदस्य सचिव होंगी। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह टास्क फोर्स एक माह में अपनी अनुशंसा प्रस्तुत करेगी।

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Tauheed Raja

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