शक्तिनगर(सोनभद्र)।। बीते शनिवार को पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य परियोजना निदेशक (विद्युतीकरण) एके चौधरी ने उप मुख्य अभियंता(रेलवे विधुतीकरण) पूर्व मध्य रेलवे अशोक कुमार के साथ शेष बचे हिस्से शक्तिनगर से करैला रोड 32 किमी रेल खण्ड में हुए विधुतीकरण कार्यों का निरीक्षण किया।
क्षेत्रीय रेल उपयोग कर्ता परामर्शदात्री समिति (रेलवे बोर्ड) उ0म0 रेलवे श्री एस0 के0 गौतम को उपमुख्य अभियंता अशोक कुमार ने दूरभाष पर जानकारी देते हुए बताया कि शक्तिनगर से करैला रोड तक का विद्युतीकरण कार्य पूरा हो चुका है।करैला रोड से शक्तिनगर के बीच ट्रायल के तहत लोको चलाने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। स्पीड एवँ अन्य सभी कार्य सही पाया गया। कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) निरीक्षण जुलाई के आखिरी सप्ताह में हो जाएगा। इसके बाद इस शेष हिस्से पर भी इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। यह शेष हिस्सा कोयला लोडिग के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण है।
पूर्व मध्य रेलवे के गढ़वा रोड-चोपन-सिगरौली रेलखंड के विद्युतीकरण में कई बार बाधाएं सामने आई। नवम्बर 2018 में रेलवे ने देरी के कारण विद्युतीकरण कर रही कंपनी ईएमसी लिमिटेड को टर्मिनेट कर दिया था। कंपनी को टर्मिनेट करने में विद्युतीकरण में देरी के साथ कई अन्य पहलुओं को भी जिम्मेदार माना गया था। विद्युतीकरण का कार्य वर्ष 2014 से चल रहा था जिसे 2016 में पूरा होना था। लेकिन वर्ष 2018 के अंत तक रेलखंड के बड़े हिस्से का कार्य पूरा नहीं हो पाया था। रेलवे न ईएमसी कंपनी के सभी भुगतान रोकते हुए कई तकनीकी कार्यवाही की थी। देरी की वजह से रेलवे ने ईएमसी पर नौ लाख प्रतिमाह का पेनाल्टी भी लगा दिया था।साथ ही रेट रिविजन की मांग भी ठुकरा दी थी। इसके कारण विद्युतीकरण का कार्य चार महीने तक रुका हुआ था। मार्च 2019 में पुन: विद्युतीकरण का कार्य शुरू हुआ। बताते चलें कि गढ़वा रोड-चोपन-सिगरौली रेलखंड के 257 किलोमीटर के हिस्से में विद्युतीकरण कार्य पहले ही पूरा हो गया है। इस रेल खण्ड पर बिधुत इंजिन से मालगाड़ियां चल रही हैं।अक्टूबर 2013 में रूट के हिसाब से 257 किमी लंबे सिंगरौली-चोपन-गढ़वारोड रेल मार्ग के विद्युतीकरण कार्य को अनुमति प्रदान की गई थी।चोपन से चुनार रेल खण्ड भी विधुतीकरण हो गया है तथा इस रेल खण्ड पर बिधुत इंजिन से मालगाडियां चल रही हैं।
करैला रोड से शक्तिनगर के बीच विद्युतीकरण का कार्य पूरा होने से रेलवे के ईंधन खर्च में कमी आने के साथ लोडिग में भी वृद्धि होगी। खासकर इलेक्ट्रिक से डीजल इंजन के परिवर्तन में खर्च होने वाला समय भी बचेगा। कार्बन उत्सर्जन काम होने से प्रदूषण कम होगा। श्री गौतम जो कि इन रेल खण्डों के विधुतीकरण व दोहरीकरण हेतु निरंतर लंबे समय से प्रयास कर रहे थे, उन्होंने विधुतीकरण पूरा होने पर खुशी जताते हुए कहा कि दोहरीकरण कार्य शीघ्र पूरा कराने हेतु प्रयास करेंगे।