वाराणसी।। सतर्कता (विजिलेंस) इकाई में प्राविधानित अवर अभियंता राज की नजीर देखना हो तो पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का रुख कीजिए। यहां वर्षों से जमे सतर्कता (विजिलेंस) इकाई में प्राविधानित अवर अभियंता के आगे शासनादेश घुटने टेकता दिख रहा है, हालत यह है कि वर्षों से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में अलग-अलग जगहों पर विजिलेंस इकाई में प्राविधानित अवर अभियंता जमे पड़े हैं। नियमानुसार विजिलेंस इकाई में प्राविधानित अवर अभियंता अपने पूरे कार्यकाल में एक वर्ष से अधिक की सेवा नहीं दे सकता, उन्हें एक वर्ष के बाद विजिलेंस से हटा देना चाहिए, लेकिन यहां कोई वर्ष 2013 से तो कोई 2019 से तो कोई 2021 से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड प्रबंधन की कृपादृष्टि पर बना हुआ है।
बात करें प्रयागराज की तो यहां प्राविधानित अवर अभियंता आनन्द पाण्डेय, संत कबीर नगर में प्राविधानित अवर अभियंता कामता नाथ राय, सिद्धार्थनगर में प्राविधानित अवर अभियंता महेंद्र नाथ, चंदौली में प्राविधानित अवर अभियंता कृष्ण कुमार मौर्य, फतेहपुर प्राविधानित अवर अभियंता संतोष कुमार श्रीवास्तव, प्रतापगढ़ प्राविधानित अवर अभियंता शिव प्रसाद, गाजीपुर में बतौर प्राविधानित अवर अभियंता पंकज चौहान, इत्यादि तैनात हैं।
ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिजली विभाग में प्राविधानित अवर अभियंताओं का काकस कितनी मजबूती से काम कर रहा है। शासनादेश की धज्जियां उड़ाते हुए ऐसे अवर अभियंता पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड प्रबंधन की कृपादृष्टि पर अपने-अपने सतर्कता इकाई में बने रहकर आए दिन तरह तरह की स्वाभाविक मनमानी भी कर रहे हैं।
आपको बता दें कि अभी हालमें ही अध्यक्ष, उ.प्र. पॉवर कारपोरेशन ने माह जनवरी में अपने एक पत्र के जरिए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड प्रबंधन को निर्देशित भी किया है कि “उ.प्र. पावर कारपोरेशन लिमिटेड में सतर्कता इकाई के नियन्त्रणाधीन प्रवर्तन दलों में प्राविधानित अवर अभियन्ता के पद पर किसी भी अवर अभियन्ता को अपने पूरे कार्यकाल में एक वर्ष से अधिक की अवधि हेतु तैनात न किया जायें”
अब देखना है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक, इन लोगों के तैनाती में कितनी तत्परता दिखाते हैं।