भारत में सदियों से तरह-तरह के रीति-रिवाज चले आ रहे हैं। ऐसी ही एक प्रथा है शादी के बाद बिछिया पहनना। हालाँकि आजकल बिछिया पहनना फैशन बन गया है। लोग इसे फैशन ट्रेंड के अनुसार पहनते हैं। लेकिन इसे आज भी शादीशुदा महिला की निशानी माना जाता है। इस पोस्ट में हम आपको बिछिया से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ फैशन ट्रेंड की भी चर्चा करेंगे।
बिछिया और रामायण काल
रामायण काल में बिछिया पहनने का उल्लेख है। कहा जाता है कि रामायण काल में जब माता सीता का अपहरण रावण ने कर लिया था, तब उन्होंने अपने पांव की बिछिया रास्ते में गिरा दी। ऐसा माता सीता ने इसलिए किया क्योंकि बिछिया देख कर श्री राम उन्हें आसानी से ढूंढ सकें।
उस युग के दौरान, पैरों की अंगुलियों को दुल्हन के सोलह श्रृंगार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता था। पैर की अंगुली की अंगूठी अर्थात बिछिया मध्य पैर की अंगुली में पहनी जाती है। और ऐसा माना जाता है कि इसका सीधा संबंध आपके दिल से होता है।
चांदी की बिछिया क्यों पहनें?
चांदी धातु को बहुत ही पवित्र और सात्विक धातु माना जाता है। माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति भगवान शंकर के नेत्र से हुई थी। ज्योतिष में इसका संबंध चंद्रमा और शुक्र से है। यह शरीर में जल की मात्रा और कफ धातु को नियंत्रित करता है।
सोने की बिछिया क्यों न पहनें?
बिछिया ही नहीं पैरों में सोने की धातु के कोई भी आभूषण नहीं पहनने चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीहरि विष्णु और देवी लक्ष्मी को सोना बहुत प्रिय है। इसलिए सोने की धातु के आभूषण नाभि या कमर के नीचे नहीं पहनना चाहिए। पैरों में सोना पहनने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद नहीं मिलता। देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद ना मिलने से आर्थिक कष्ट भोगना पड़ सकता है।
आया Gold Jewellery❤️का नया डिज़ाइन जिसे पहन कर महिलाए दिखेंगी अप्सरा
फैशन ट्रेंड में है Simple Silver Bichhiya Design
आजकल बिछिया फैशन ट्रेंड का हिस्सा बन गई है। शादीशुदा महिलाएं बिछिया पहनना खूब पसंद करती हैं। चांदी के बिछिया को कैजुअल और एथनिक आउटफिट दोनों के साथ पहनने पर पारंपरिक के साथ मॉर्डन लुक देता है। फैशन ट्रेंड में Simple Silver Bichhiya Design ज्यादा प्रचलित है।