सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम का मेयर घोषित कर दिया।वहीं पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा घोषित भाजपा उम्मीदवार के चुनाव को रद्द कर दिया।
कोर्ट ने साफ कहा कि पिछले नतीजों के मुताबिक आम आदमी पार्टी उम्मीदवार को 12 वोट मिले थे। 8 वोट जिन्हें गलत तरीके से अवैध माना गया था, वे वैध रूप से याचिकाकर्ता के पक्ष में पारित हो गए। 8 वोट जोड़ने पर उनके वोटों की संख्या 20 हो जाएगी। भाजपा प्रत्याशी को मात्र 16 ही वोट मिले।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पीठासीन अधिकारी ने याचिकाकर्ता के पक्ष में डाले गए 8 मतपत्रों के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ करने का प्रयास किया था ताकि बीजेपी उम्मीदवार को निर्वाचित उम्मीदवार घोषित किया जा सके।
सीजेआई ने आदेश में कहा, “यह स्पष्ट है कि 8 मतपत्रों में से प्रत्येक में वोट याचिकाकर्ता के पक्ष में विधिवत डाला गया। पीठासीन अधिकारी ने मतपत्र को अवैध रूप से डाला गया मानने के लिए आधार बनाने के उद्देश्य से स्पष्ट रूप से अपना स्वयं का चिह्न लगाया…
यह स्पष्ट है कि पीठासीन अधिकारी ने पीठासीन अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका और क्षमता में जो किया, वह गंभीर कदाचार का दोषी है।
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