Vat Savitri Vrat 2022 : वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म में महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। अर्थात विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं। इस साल वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2022) 30 मई 2022, सोमवार को है।
Vat Savitri Vrat 2022 : सर्वोत्तम मुहूर्त पुजा करने के लिए
वैदिक पंचांग (Calendar) के अनुसार, 30 मई को वट सावित्री व्रत का विशेष संयोग बन रहा है। 30 मई 2022 दिन सोमवार सुबह 07 बजकर 13 मिनट से अगले दिन 31 मई 2022 मंगलवार को सुबह 05 बजकर 09 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
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Vat Savitri Vrat 2022 : वट सावित्री के लिए आवश्यक पूजा सामग्री
वट सावित्री व्रत पूजन सामग्री
- सावित्री-सत्यवान की मूर्तियां,
- धूप,
- दीप,
- घी,
- बांस का पंखा,
- लाल कलावा,
- सुहाग का समान,
- कच्चा सूत,
- चना (भिगोया हुआ),
- बरगद का फल,
- जल से भरा कलश ।
Vat Savitri Vrat 2022 : वट सावित्री व्रत पूजा विधि
- सबसे पहले प्रातःकाल घर की सफाई कर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें।
- फिर पवित्र जल का पूरे घर में छिड़काव करें।
- बांस की टोकरी में सप्त धान्य भरकर ब्रह्मा की मूर्ति की स्थापना करें।
- ब्रह्मा के वाम पार्श्व में सावित्री की मूर्ति स्थापित करें।
- इसी प्रकार दूसरी टोकरी में सत्यवान तथा सावित्री की मूर्तियों की स्थापना करें। इन टोकरियों को वट वृक्ष के नीचे ले जाकर रखें।
- अब ब्रह्मा तथा सावित्री का पूजन करें।
- फिर सावित्री और सत्यवान की पूजा करते हुए बड़ की जड़ में पानी दें।
- पूजा में जल, मौली, रोली, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, फूल तथा धूप का प्रयोग करें।
- जल से वटवृक्ष को सींचकर उसके तने के चारों ओर कच्चा धागा लपेटकर तीन बार परिक्रमा करें।
- बड़ के पत्तों के गहने पहनकर वट सावित्री की कथा सुनें।
- भीगे हुए चनों का बायना निकालकर, नकद रुपए रखकर अपनी सास के पैर छूकर उनका आशीष प्राप्त करें।
- आपकी सास आपके साथ न हो तो बायना बनाकर उन तक पहुंचाएं।
- पूजा समाप्ति पर ब्राह्मणों को वस्त्र तथा फल आदि वस्तुएं बांस के पात्र में रखकर दान करें।
- इस व्रत में सावित्री-सत्यवान की पुण्य कथा का श्रवण करना न भूलें।
- यह कथा पूजा करते समय दूसरों को भी सुनाएं।