
Oil Price : देश में त्योहारी सीजन में तेल के भारी मांग के कारण तेल तिलहन बाजार में शनिवार को अधिकांश तिलहनों की थोक कीमतें मजबूत बंद हुईं। नई फसल की आवक और सस्ते आयातित तेल के लगभग दोगुना होने से मूंगफली तेल और तिलहन की थोक कीमतें गिर गईं। देश में सभी तरह के खाद्य तेलों की मांग बनी हुई है, यही वजह है कि ज्यादातर तिलहनों की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।
तेल की कीमत में हुई बढ़ोतरी
कपास के बीज की भी कमी है क्योंकि किसान कम कीमत पर कपास नहीं बेचते हैं। केवल छोटी जोत वाले किसान अपनी सोयाबीन की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे बेचने को मजबूर हैं। सरसों, सोयाबीन और सूरजमुखी बाजार में किसानों को एमएससी से भी कम दाम मिल रहे हैं। इससे किसानों का खर्च पूरा नहीं हो पाता है। मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रमुख संस्था SOPA के चेयरमैन ने कहा कि सोयाबीन तेल की कीमत दूध से दोगुनी होनी चाहिए, नहीं तो भविष्य में किसान तिलहन की बुआई से दूर हो सकते हैं। केवल मूंगफली तेल और तिलहन की कीमतों में गिरावट आई क्योंकि सस्ते आयातित खाद्य तेल के कारण मूंगफली तेल की कीमत लगभग दोगुनी हो गई।
इस प्रकार हैं तेल-तिलहन के दाम
तिलहन का नाम | भाव |
सरसों | 5,625-5,675 रुपये प्रति क्विंटल |
मूंगफली | 6,750-6,800 रुपये प्रति क्विंटल |
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) | 15,650 रुपये प्रति क्विंटल |
मूंगफली रिफाइंड तेल | 2,315-2,600 रुपये प्रति टिन |
सरसों तेल दादरी | 10,550 रुपये प्रति क्विंटल |
सरसों पक्की घानी | 1,780-1,875 रुपये प्रति टिन |
सरसों कच्ची घानी | 1,780-1,890 रुपये प्रति टिन |
तिल तेल मिल डिलिवरी | 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल |
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली | 9,750 रुपये प्रति क्विंटल |
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर | 9,650 रुपये प्रति क्विंटल |
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला | 8,100 रुपये प्रति क्विंटल |
सीपीओ एक्स-कांडला | 7,800 रुपये प्रति क्विंटल |