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मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना,अनाथ बच्चों के लिए दोहरा मापदंड क्यों ?

मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना पर उठ रहें। दरअसल इस योजना का लाभ केवल 1 मार्च 2021 से 30 जून 2021 के बीच मृत अभिभावक के बच्चों को ही दिया जा रहा है। राज्य  में 1 मार्च 2020 से अब तक 1250 हो गए है। और राज्य सरकार द्वारा बनाई गई बाल कल्याण योजना के दायरे में अब तक मात्र 250 बच्चे ही आ पाए हैं


महत्वपूर्ण सवाल है 1 मार्च ,2021 से  पहले और 30 जून ,2021 के बाद कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों का क्या ?


योजना का लाभ लेने की पात्रता

  • प्रभावित परिवार मध्य प्रदेश का स्थानीय निवासी हो।
  • परिवार को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता नहीं हो।
  • बाल हितग्राही के मृतक माता/पिता ऐसे शासकीय सेवक या शासकीय उपक्रम के सेवक न हो जिन्हें पुरानी पेंशन स्कीम के अंतर्गत पेंशन पाने की पात्रता हो।
  • ऐसे बालक/बालिका जिनकी आयु 21 वर्ष या उस से कम है, परन्तु स्नातक पाठ्यक्रम की निर्धारित अवधि तक, इनमे से जो भी कम हो और जिनके-
  • माता- पिता की कोविड -19 से मृत्यु हुई हो या
  • माता- पिता का निधन पूर्व में हो गया था तथा उनके वैध अभिभावक की कोविड -19 से मृत्यु हुई हो|
  • माता-पिता में से किसी एक का पूर्व में निधन हो चुका है तथा अब दुसरे की कोविड -19 से मृत्यु हुई है|
  • “कोविड -19 से मृत्यु ” का अभिप्राय ऐसी किसी भी मृत्यु से है , जो 1 मार्च ,2021 से 30 जून ,2021 तक की अवधि में हुई |

जरूर पढिए : मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कैसे करें?

मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना
photo credit : http://covidbalkalyan.mp.gov.in/

योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली सहायता

मासिक आर्थिक सहायता – प्रत्येक बाल हितग्राही को 5000/- प्रतिमाह की सहायता राशि बैक खाते में जमा की जावेगी। यदि बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम है तो बच्चों की सहायता राशि चिन्हांकित संरक्षक के संयुक्त खाते में जमा की जावेगी। 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के उपरांत उसके व्यक्तिगत खाते में जमा की जावेगी। सहायता राशि संबंधित बाल हितग्राही को 21 वर्ष की आयु तक देय होगी।

मासिक राशन सहायता – प्रत्येक बाल हितग्राही और योजना के प्रावधानों के अंतर्गत नियुक्त उनके संरक्षक को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत मासिक राशन प्रदाय किया जायेगा।

शिक्षा सहायता- प्रत्येक बाल हितग्राही को स्कूल शिक्षा , उच्च शिक्षा , तकनीकी शिक्षा, मेडिकल शिक्षा,विधि शिक्षा आदि हेतु योजना के अनुसार नि:शुल्क शिक्षा ( पहली कक्षा से स्नातक तक ) उपलब्ध करवाई जाएगी।


क्या यह मानवीय दृष्टिकोण से सही है ?


महिला एवं बाल विकास विभाग के एक सर्वे के अनुसार 1 मार्च, 2021 से पहले कोरोना के कारण लगभग 1,000 बच्चे अनाथ हुए हैं। कुछ जिलों में ऐसा सर्वे अभी नहीं हुआ है। वहां ऐसे बच्चों को स्पांसरशिप स्कीम और फास्टर केयर योजना के तहत एक साल तक 2000 रुपए प्रतिमाह देने का प्रावधान किया गया है।ऐसे में क्या मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना में प्रभाषित समय अवधि से पहले और बाद में अनाथ हुए बच्चों को 2000 रुपए प्रतिमाह और परिभाषित अवधि में अनाथ हुए बच्चों को 5000 रुपए प्रतिमाह के साथ योजना का सम्पूर्ण लाभ मिलेगा। क्या यह मानवीय दृष्टिकोण से सही है?

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