
जो लोग रात में पांच घंटे से कम सोते हैं, उनमें पैरों की तरफ जाने वाली धमनियों के सिकुड़ जाने या बंद हो जाने के रोग पीएडी का खतरा बढ़ जाता है। एक स्टडी में यह बात सामने आई है। शोधकर्ताओं का कहना है, कि दुनिया में 20 करोड़ से ज्यादा लोगों को पीएडी है। इस रोग में हृदय से पैरों तक रक्त ले जाने वाली धमनियां संकुचित या अवरुद्ध हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
स्वीडन में करोलिंस्का संस्थान के शुआई युआन, इस अध्ययन के लेखक हैं। उन्होंने कहा, “हमारा अध्ययन बताता है कि पीएडी के जोखिम को कम करने के लिए सात से आठ घंटे की नींद एक अच्छी आदत है। उन्होंने एक बयान में कहा, “रात में अपर्याप्त नींद और दिन में झपकी लेने से कोरोनरी धमनी की बीमारी और पीएडी जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जो बंद धमनियों के कारण होती हैं।”
शोधकर्ताओं ने कहा कि नींद की समस्या पीएडी रोगियों की सबसे बड़ी शिकायतों में से एक है और पीएडी पर नींद की आदतों के प्रभाव के सीमित आंकड़े हैं और इस अध्ययन का लक्ष्य उस अंतर को कम करना है। यूरोपियन हार्ट जर्नल ‘ओपन’ में प्रकाशित इस अध्ययन में दो चरणों में 650,000 लोगों को शामिल किया गया।