प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में उच्च पैदावार, जलवायु अनुकूल और जैव सशक्त वाली फसलों की 109 किस्में जारी की। ये किस्में 61 फसलों की हैं जिनमें खेती की 34 और बागवानी की 27 फसलें हैं। खेत फसलों में बाजरा, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास और अन्य फसलों के बीज शामिल हैं। बागवानी फसलों में फल, सब्जी, कंदमूल, मसाले, फूल और औषधि पौधों के बीज हैं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने किसानों और वैज्ञानिकों से बातचीत भी की। नई फसल किस्मों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इनसे कृषि में मूल्यवर्धन होगा। किसानों ने कहा कि नई किस्मों से उनके खर्चों में कमी आएगी और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पडेगा। श्री मोदी ने मोटे अनाज का उल्लेख किया और कहा कि लोग पोषक खानपान की ओर आकर्षित हो रहे है। उन्होंने प्राकृतिक खेती के लाभों के बारे में बात की और कहा कि आम जनता का जैविक कृषि पर भरोसा बढ रहा है।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने आज नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में उच्च उपज देने वाली, जलवायु अनुकूल और जैव-सशक्त फसलों की 109 किस्मों को जारी किया और किसानों व वैज्ञानिकों से बातचीत भी की। pic.twitter.com/uiW56dbIWZ
— BJP Madhya Pradesh (@BJP4MP) August 11, 2024
उन्होंने कहा कि लोग जैविक खाद्य पदार्थों का उपभोग कर रहे है और इनकी मांग करते है। किसानों ने प्राकृतिक कृषि को बढावा देने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र की जागरूकता बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों को नई किस्मों के बारे में किसानों को जानकारी देने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। श्री मोदी ने नई फसल किस्म विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों की सराहना की। वैज्ञानिकों ने बताया कि वे प्रधानमंत्री के सुझावों के अनुरूप काम कर रहे है।
बाद में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संवाददाताओं से कहा कि आज किसानों के लिए ऐतिहासिक दिन है जब 61 फसलों की 109 किस्में जारी की गई हैं। उन्होंने कहा कि इनसे किसानों की आय बढेगी, पैदावार में इजाफा होगा और लागत घटेगी। श्री चौहान ने कहा कि इन फसलों के बीज जलवायु अनुकूल है और खराब मौसम में भी बेहतर पैदावार दे सकते हैं।
उन्होंने बताया कि ये किस्में पोषक तत्वों से भरपूर है। हमारे संवाददाता ने कार्यक्रम में मौजूद कुछ किसानों से बातचीत भी की। किसानों ने भरोसा जताया कि इन फसलों से आमदनी बढाने में मदद मिलेगी।