मध्य प्रदेश सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर ! कोई भी पुजारी या अधिकारी नहीं होगा मंदिर के संपत्ति का मालिक !
No priest or official will be the owner of the property of the temple!-sc
सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर और उसकी जमीन को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन पर मुहर लगाते हुए यह फैसला सुनाया है, कि किसी भी मंदिर की जमीन का मालिक पुजारी या कोई सरकारी अधिकारी नहीं हो सकता। केवल भगवान ही मंदिर की जमीन का मालिक है। और उसी का मंदिर की जमीन पर पर मालिकाना हक है।
अक्सर देखा जाता है कि मंदिर के पुजारी मंदिर की जमीन पर अपना प्रभुत्व जमा लेते हैं। और सरकारी दस्तावेज़ो में भी पुजारियों का नाम लिख दिया जाता है। पुजारी मंदिर की जमीन पर अपना स्वामित्व समझ कर उसे अपनी मर्जी से बेच देते हैं। इसी सिलसिले में मध्य प्रदेश सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि,
“मंदिर का पुजारी मंदिर की जमीन का मालिक नहीं हो सकता। पुजारी का काम केवल मंदिर व उसकी जमीन की देखभाल करना है। मंदिर की जमीन का मालिक सरकारी अधिकारी होगा। जिसे दस्तावेज में मैनेजर के तौर पर दर्ज किया जाएगा।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले पर मुहर लगाते हुए यह आदेश दिया, “कि किसी भी मंदिर की जमीन का मालिकाना हक किसी पुजारी या सरकारी अधिकारी को नहीं दिया जा सकता। पुजारी का काम केवल पूजा पाठ करना और जमीन की देखभाल तक ही सीमित होगा। और सरकारी अधिकारी को भी मैनेजर के तौर पर मालिकाना हक नहीं सौंपा जा सकता। मंदिर की जमीन का मालिक उस मंदिर के अंदर विराजमान भगवान ही होगा। सरकारी दस्तावेजों में मंदिर का मालिकाना हक केवल भगवान का होगा। यदि मंदिर की देखभाल पूरी तरीके से सरकार के अधीन हैं, तो ऐसी स्थिति में सरकारी अधिकारी को मैनेजर बनाया जा सकता है।”
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