बाबरी विध्वंस केस : मस्जिद टूटी, हिंसा हुई, 28 साल बाद फैसला और सभी आरोपी बरी
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को CBI की स्पेशल कोर्ट ने सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। इस मामले में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और 29 अन्य लोग आरोपी थे।
स्पेशल CBI जज सुरेंद्र कुमार यादव ने यह फैसला सुनाया है, फैसले की मुख्य बातें।
- बाबरी मस्जिद का ढहाया जाना एक आकस्मिक घटना थी,यह पहले से नियोजित नहीं था।
- आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिला।
- CBI की ओर से दिए गए ऑडियो, वीडियो की प्रामाणिकता साबित नहीं की जा सकती।
- असामाजिक तत्वों ने ढांचा गिराने का प्रयास किया था,आरोपी नेताओं ने उन्हें रोकने की कोशिश की थी।
- स्पीच का ऑडियो स्पष्ट नहीं है।
Special judge said Babri Masjid demolition not pre-planned, done by anti-social elements: Lawyer Prashant Singh
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— ANI Digital (@ani_digital) September 30, 2020