Pandit Birju Maharaj : अपने कथक नृत्य के लिए पूरी दुनिया में मशहूर बिरजू महाराज उर्फ पंडित ब्रजमोहन मिश्रा का रविवार देर रात निधन हो गया। 63 वर्षीय बिरजू महाराज का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
रविवार की देर रात बिरजू महाराज अपने पोते के साथ खेल रहे थे। इसी दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वे बेहोश हो गए। उसके बाद उसके परिजन उसे दिल्ली के साकेत के एक अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
वह हाल ही में किडनी की समस्या से उबरे थे और फिलहाल डायलिसिस पर हैं। पंडित बिरजू महाराज के निधन से भारतीय कला जगत ने अपना एक अनूठा कलाकार खो दिया।
बिरजू महाराज की जीवनी
लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ में हुआ था। उनका असली नाम पंडित बृजमोहन मिश्रा है। वह एक कथाकार नर्तक होने के साथ-साथ एक शास्त्रीय गायक भी थे।
बिरजू महाराज के पिता और गुरु आचन महाराज, काका शंभू महाराज और लच्छू महाराज भी प्रसिद्ध कथक नर्तक थे।
बिरजू महाराज ने देवदास, डेढ़ इश्किया, उमराव जान और बाजी राव मस्तानी जैसी फिल्मों के लिए कोरियोग्राफ किया। उन्होंने सत्यजीत रे की फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ के लिए भी संगीत तैयार किया।
1983 में पद्म विभूषण प्राप्त किया
1983 में बिरजू महाराज को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिला। बिरजू महाराज को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।