Independence Day 2024 : मन की बात कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से तिरंगे के साथ अपनी सेल्फी अपलोड करने की अपील की। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रीय ध्वज के इस्तेमाल और प्रदर्शन को लेकर भी कुछ नियम हैं, जिनका उल्लंघन करने पर सजा का भी प्रावधान है?
आपने कई बार देखा होगा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लोग अपनी साइकिल या कार पर तिरंगा लगाते हैं। लेकिन हर कोई ऐसा नहीं कर सकता। भारतीय ध्वज संहिता 2002 के अनुसार, केवल कुछ ही लोगों को अपनी कार या वाहन पर तिरंगा फहराने का कानूनी अधिकार है।
इसके साथ ही राष्ट्रीय ध्वज संहिता कहती है कि जब भी तिरंगा फहराया जाए तो सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी अवश्य रहनी चाहिए। साथ ही टूटे और गंदे तिरंगे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। तो चलिये आज हम आपको बताते है कि वाहन पर राष्ट्रीय ध्वज लगाने का अधिकार किसे है।
तिरंगे को फहराने का अधिकार किसे है?
यह विशेषाधिकार राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल-उपराज्यपाल, भारतीय मिशन पदों के प्रमुखों, प्रधान मंत्री, कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपाध्यक्ष, राज्यसभा के उपाध्यक्ष तक फैला हुआ है। लोकसभा, राज्यों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधान परिषदों के अध्यक्ष, भारत में विधान सभाओं के अध्यक्ष, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधान सभाओं के उपाध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पास है।
नियम तोड़ने पर होगी ये कार्रवाई
हालाँकि नागरिक घर पर तिरंगा फहराने और हाथों में झंडा ले जाने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन निजी वाहनों पर झंडा फहराना कानूनी अपराध माना जाता है। अगर इस संबंध में कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। यह अधिनियम कहता है कि राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और राष्ट्रगान का अपमान करने पर किसी व्यक्ति को दंडित किया जा सकता है। 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों।