मध्य प्रदेश उपचुनाव : कांग्रेस ने भाजपा से ज्यादा आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारा
मध्य प्रदेश के उपचुनाव में चुनाव लड़ रहे कुल 355 उम्मीदवारों में से 63 उम्मीदवारों यानी 18 प्रतिशत ने अपने चुनावी हलफनामे में बताया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह जानकारी चुनाव अधिकार समूह एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के रिपोर्ट में दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, 11 प्रतिशत उम्मीदवारों ने बताया है कि उनके खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। संगीन आपराधिक मामले गैर जमानती होते हैं। इनमें पांच साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान होता है।
कांग्रेस ने भाजपा से ज्यादा आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारा
- कांग्रेस उम्मीदवारों की दी हुई जानकारी का विश्लेषण करने पर पता चला कि उसके 28 में 14 यानी 50 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि भाजपा के 28 में से 12 उम्मीदवारों यानी करीब 43 प्रतिशत ने घोषित किया है कि उनके खिलाफ ऐसे मामले दर्ज हैं।
- बसपा के 28 में आठ, सपा के 14 में से चार और 178 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 16 ने अपने हलफनामों में बताया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
- कांग्रेस के 28 में से 6 और भाजपा के 28 में से 08 उम्मीदवारों ने हलफनामे में कहा है कि उनके खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।
- बसपा के 28 में से तीन, सपा के 14 में से चार और 178 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 13 ने घोषित किया है कि उनके खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।
- एक उम्मीदवार ने घोषित किया है कि उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज है। इसके अलावा सात उम्मीदवारों ने बताया है कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है।
- 28 में से 10 निर्वाचन क्षेत्र रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र हैं। रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र उन्हें कहा जाता है जहां चुनाव लड़ रहे तीन या उससे अधिक उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की हो।