व्यापारियों को नहीं, मिलावटखारों को जिन्दगी भर जेल में चक्की पीसना पड़ेगा। MPNEWS
भोपाल।।मध्यप्रदेश,साल 2020 की अंतिम कैबिनेट की बैठक मंगलवार को हुई। इस बैठक में शिवराज सरकार ने महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। धर्म स्वातंत्र्य कानून और खाद्य सुरक्षा अधिनियम में संशोधन अध्यादेश को भी मंजूरी दी गई। इसके तहत मिलावटखोरों को आजीवन कारावास का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मिलावट एक भयानक अपराध है। खाद्य पदार्थों और दवाईयों में यहां तक कि कोरोना संक्रमण के इलाज के उपयोग होने वाले प्लाज्मा में और कोरोना की वैक्सीन में मिलावट के समाचार मिले हैं। इससे बड़ा अपराध हो सकता है क्या? यह लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ है। यह किसी भी कीमत पर मध्यप्रदेश में नहीं चलने दिया जावेगा।
व्यापारियों को नहीं, मिलावटखारों को होगी उम्रकैद
इसके लिए भी कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश का अनुमोदन किया गया है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 272, 273, 274, 275 और 276 में संशोधन कर 6 माह के कारावास और एक हजार रुपये तक के जुर्माने के स्थान पर आजीवन कारावास और जुर्माना प्रतिस्थापित किया गया है। मिलावट करने वाले को आजीवन कारावास होगा।
इस अध्यादेश में मिलावट कर सामग्री बनाने वाले को दण्ड मिलेगा। व्यापारी को दण्ड नहीं मिलेगा। जहां वस्तु बनती है, दोषी उस कारखाने का मालिक होगा। उसे किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। जिन्दगी भर जेल में चक्की पीसनी पड़ेगी। नई धारा में 273(क) को जोड़ा गया है। जिसमें एक्सपायरी डेट के खाद्य पदार्थ के विक्रय पर पांच साल का कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान किया गया है। मिलावट के खिलाफ जो जंग चल रही है उसमें यह कानून मिलावट रोकने का बहुत बड़ा माध्यम बनेगा।