विंध्य के गिरीश होंगे मध्यप्रदेश विधानसभा के 18वें अध्यक्ष।
मध्यप्रदेश विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि 11 महीने से कोई पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं बना है।पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला और विधायक गिरीश गौतम का नाम चर्चा था। लेकिन पार्टी में रीवा के देवतालाब से विधायक गिरीश गौतम के नाम पर सहमति बनी।
विधायक गिरीश गौतम ने रविवार को अपना नामांकन दाखिल किया। गिरीश गौतम के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी मौजूद रहे। गौतम विधानसभा के 18वें अध्यक्ष होंगे।
4 बार विधायक रहे गिरीश गौतम का राजनैतिक सफर।
- गिरीश गौतम 1972 से छात्र राजनीति में सक्रिय रहे।
- 1977 से लगातार किसानों एवं मजदूरों के लिए संघर्ष किया।
- 2003 में पहली बार विधायक बने।
- विधानसभा की लोक लेखा, महिला एवं बाल कल्याण, अजा-जजा तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के सदस्य रहे। माध्यमिक शिक्षा मंडल एवं गृह तथा शिक्षा विभाग की सलाहकार समितियों के सदस्य रहे।
- 2008 में दूसरी बार विधायक बने। इस दौरान प्राक्कलन, विशेषाधिकार, सार्वजनिक उपक्रम समितियों के सभापति रहे।
- वर्ष 2013 में तीसरी बार विधायक बने।
- इस कार्यकाल में वे जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि जबलपुर की प्रबंध सभा के सदस्य, उत्तर-मध्य रेलवे परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे।
- वर्ष 2018 में वे चौथी बार चुनाव जीत कर विधायक बने
17 साल बाद फिर बनेगा विंध्य से विधानसभा अध्यक्ष
17 साल बाद फिर बनेगा विंध्य से विधानसभा अध्यक्ष। विंध्य के कद्दावर कांग्रेसी नेता श्रीनिवास तिवारी 9 साल 352 दिन विधानसभा के अध्यक्ष रहे। उन्हे दिग्विजय सरकार के दौरान दो कार्यकाल 24 दिसंबर 1993 से 11 दिसंबर 2003 तक रहा।
कब होगा चुनाव
सोमवार 22 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होना है। हालांकि विधानसभा में विधायकों की संख्या के हिसाब से दोनों पद भाजपा के खाते में ही जाएंगे। ऐसे में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों निर्विरोध चुने जाने की संभावना भी है।