सीहोर। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 50 किलोमीटर से भी कम दूरी पर बसे सीहोर ज़िले के गुड़भेला गांव में किसान बाबूलाल वर्मा ने अपने खेत में ही फांसी लगा ली। बताया जा रहा है कि किसान अपनी सोयाबीन की फसल खराब हो जाने के कारण परेशान था।
मुख्यमंत्री घूम- घूम कर निरीक्षण कर सिर्फ़ कोरे आश्वासन थमा रहे है, राहत नहीं।आज किसान राहत की माँग कर रहा है , बाढ़ प्रभावित इलाक़ों के लोग राहत की माँग कर रहे है,आज आवश्यकता है तात्कालिक राहत की लेकिन संकट की इस घड़ी में भी कोरे व झूठे भाषण परोसे जा रहे है।
कमलनाथ
मुख्यमंत्री के गृह ज़िले सिहोर में एक किसान ने फ़सल ख़राब होने पर आत्महत्या कर ली।
प्रदेश के बड़े हिस्से में पूर्व में ही सोयाबीन की फ़सल ख़राब हो चुकी है और अब अतिवर्षा व बाढ़ से भी क़रीब 15 लाख हेक्टेयर फ़सल प्रदेश के बाढ़ प्रभावित विभिन्न जिलो में ख़राब हुई है। pic.twitter.com/DUKNrAX8yh— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 2, 2020
बीमारी से ग्रस्त होने के कारण की आत्महत्या
अनुविभागीय अधिकारी सीहोर आदित्य कुमार जैन ने बताया कि गुड़भेला गाँव के बाबूलाल वर्मा मानसिक रूप से एवं अन्य बीमारियों से ग्रस्त थे। बीमारी के चलते उनके भोपाल एवं इंदौर में आपरेशन भी हो चुका था। राजस्व विभाग की टीम ने गाँव पहुँचकर ग्रामवासियों से जानकारी प्राप्त कर पंचनामा भी बनाया है। ग्रामीणों ने बताया कि श्री बाबूलाल वर्मा के नाम ग्राम रफीकगंज गुड़भेला एवं मोगराराम में लगभग 8 से 10 एकड़ भूमि और ग्राम गुड़भेला में पक्का मकान भी है। बाबूलाल बीमारी के कारण व्यथित थे। मृतक बाबूलाल के बेटे ने बताया कि उनके पिता का अपेन्डिक्स का आपरेशन हुआ था, उसके कारण उनका दिमाग भी काम नहीं कर रहा था। वे बीमार थे, उन पर किसी भी प्रकार का कोई कर्ज नहीं था।