मध्यप्रदेश के सीधी जिले में मंगलवार सुबह 7:30 बजे बड़ा बस हादसा हो गया। इस त्रासदी मेँ 51 लोगों की मौत हुई और कई लपाता है।जो बस नहर मेँ समा गई वह32 सीटर थी और उसमें सवारी 62 थी ! केंद्र और राज्य सरकार ने (2+5) सात लाख प्रत्येक मृत व्यक्ति के परिजन को सहायता दी जाएगी। लेकिन कोई बताएगा कौन उठाएगा बिखरे बस्तों को और कौन सजाएगा उन सपनों को जिसे पूरा करने निकले थे घर से।
बस में ज्यादातर परीक्षार्थी थे
ड्राइवर समेत 62 लोगों के साथ बस सीधी से सतना जा रही थी तभी 22 फीट गहरी बाणसागर नहर में गिर गई। जिसमें 51 लोगों की मौत हो गई। 7 लोगों की जान बच गई, जबकि 4 लोग अभी भी लापता हैं। बस मेँ ज्यादातर सवारी सीधी और सिंगरौली जिले के रहने वाले थे। 12 लड़के-लड़कियां रेलवे और नर्सिंग की परीक्षा देने सतना और वहां से रीवा जाने के लिए बस में सवार हुए थे।
जो सात लोग बचे उन्हे स्थानीय एक महिला, एक लड़की और उसके भाई ने बचाया। बस का ड्राइवर खुद तैरकर बाहर आ गया, जिसे बाद उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
चालक बस को लेकर सीधी से चुरहट और रामपुर नैकिन तक लेकर आया। फिर उसने बस को बगवार गांव में मोड़ दिया। यहां से बस सरदा गांव पहुंची। इस गांव से सतना जाने वाला मार्ग नहर से सटा है। और बीच बीच मेँ संकरा भी है।
कैसे हुआ सीधी बस हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बस का पिछला टायर नहर की ढलान की ओर जाने लगा। ड्राइवर ने ब्रेक लगाने का प्रयास किया लेकिन ब्रेक नहीं लगा और बस अनियंत्रित होकर नहर में गिर गई। सतना में रजिस्टर्ड यह बस जबलानाथ परिहार ट्रेवल्स से जुड़ी हुई थी।
जिस नहर में बस डूबी,उसमें बाणसागर जलाशय का पानी छोड़ा जाता है। जिस वक्त घटना घटित हुआ उस वक्त नहर मेँ पानी का बहाव तेज़ था। यही कारण है की,यात्रियों को बचने का मौका नहीं मिला। माना जा रहा है कि तेज बहाव के कारण यात्री घटनास्थल से काफी दूर बह गए होंगे। जब रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची तो बस पूरी तरह 22 फीट गहरी नहर में डूब चुकी थी।
बांध से पानी का बहाव रुकवा गया, जिससे बाणसागर नहर में पानी कम हुआ। जिसके बाद गोताखोर नहर में उतरे और स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। त्रासदी के लगभग चार घंटे बाद 11:45 बजे क्रेन की मदद से बस को बाहर निकाला गया।
नहर ने निगल लिया16 परिवारों लाल
सीधी बस हादसा के जिन 51 शवों की पहचान की गई है, उनमें से 16 यात्रियों की उम्र 20 से 25 साल के बीच थी। दो साल के बच्चे की भी हादसे में मौत हुई है। जो रेलवे और बीएससी नर्सिंग की परीक्षा देने के लिए रीवा और सतना जा रहे थे।
1. विमला द्विवेदी, 50 साल 2. प्रिया तिवारी, 20 साल 3. निमेश तिवारी, 38 साल 4. जगमोहन साकेत, 30 साल 5. श्यामलाल साकेत, 40 साल 6. हीरालाल शर्मा, 60 साल 7. लक्ष्मी, 22 साल 8. अमर ज्योति साकेत, 22 साल 9. राजेंद्र द्विवेदी, 40 साल 10. रामसुख साकेत, 50 साल 11. सुशीला प्रजापति, 27 साल 12. पिंकी गुप्ता, 25 साल 13. रीना तिवारी, 25 साल 14. सुमित्रा कोल, 35 साल 15. जगदीश, 65 साल 16. अशोक कुमार तिवारी, 48 साल 17. अनिल त्रिपाठी, 40 साल 18. कल्याण सिंह यादव, 22 साल 19. कविता यादव, 25 साल 20. अनिल कुमार पटेल, 24 साल 21. अर्चना गुप्ता, 2 साल 22. तपस्या पनिका, 26 23. अवधेश प्रजापित, 35 साल 24. विमला प्रजापति, 26 साल 25. राजकुमार प्रजापति, 24 साल 26. यशोदा विश्वकर्मा, 30 साल 27. कोमल सिंह, 25 साल 28. अनिल पटेल, 23 साल 29. राघवेंद्र तिवारी, 20 साल 30. रामवती सिंह, 20 साल 31. प्रियंका सिंह, 20 साल 32. मनमोहन बैगा, 35 साल 33. अयोध्या पाल, 40 साल 34. शिवभान पाल, 30 साल 35. प्रदीप कुमार 36. दिग्विजय सिंह चंदेल, 2 37. अंकिता तिवारी, 21 साल 38. सुषमा सिंह 39. अजय कुमार, 30 साल 40. रामकली यादव, 28 साल 41. विश्वनाथ यादव, 30 साल 42. पुष्पराज प्रजापति, 32 साल 43. सोमबाई सिंह 44. आशा सिंह 46. सविता बैगा, 25 47. राजकली 48. नम्रता यादव 49. सुरेखा कोल 50. राजवती सिंह 51. त्रिमेश तिवारी
ये 4 लोग लापता
1. खुशबू सिंह पटेल 2. अरविंद विश्वकर्मा 3. दीपू प्रजापति 4. अजय पनिका