बागेश्वर धाम सरकार, पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री छतरपुर (मध्य प्रदेश) जिले के गड़ागंज गांव के हैं।नागपुर स्थित अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति द्वारा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तथाकथित चमत्कारी शक्तियों को चुनौती देने के बाद वह सुर्खियों में आ गए हैं।
अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने कहा कि जब बागेश्चर धाम सरकार को चमत्कार साबित करने के लिए चुनौती दी गई है तो कथा बीच में ही छोड़कर वह चले गए।जिसके बाद विवाद शुरू हुआ।विवाद शुरू होने के बाद से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बागेश्वर धाम सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रेंड करने लगें। उनके वीडियो भी ट्विटर पर वायरल हो गए हैं।
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में भगवान बालाजी को समर्पित बागेश्वर धाम मंदिर से जुड़े, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बागेश्वर धाम सरकार अपने अनुयायियों के लिए नियमित सत्संग (धार्मिक उपदेश) आयोजित करते हैं।
इस विवाद के बाद पं. धीरेंद्र शास्त्री का भी बयान आया। उन्होंने चुनौती देने वालों को रायपुर बुलाया, जहां शुक्रवार को पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कई मीडियाकर्मियों के सामने चमत्कार करने का दावा किया। एक नेशनल न्यूज चैनल के रिपोर्टर के चाचा का नाम लेकर मंच से बुलाया। अब ये वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। पं. धीरेंद्र शास्त्री के अनुयायी इसे चमत्कार मानते हैं।
आइए जानते हैं बागेश्वर धाम सरकार, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कौन है ? और पूरा विवाद क्या है?
बालाजी हनुमानजी का मंदिर सौ साल पुराना है
बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश छतरपुर के गढ़ा में है। यहां बालाजी हनुमानजी का मंदिर है। हर मंगलवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ बालाजी हनुमान जी के दर्शन के लिए उमड़ती है। लोग इस दरबार को बागेश्वर धाम सरकार कह कर पुकारते हैं। यह मंदिर सौ साल पुराना बताया जाता है।जिसे 1986 में इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था।
यहां एक संत बाबा जी सेतु लाल जी महाराज 1987 के आसपास आए। उन्हें भगवान दास जी महाराज के नाम से भी जाना जाता था। धाम के वर्तमान प्रमुख, पंडित धीरेंद्र शास्त्री, भगवान दास जी महाराज के पोते हैं।
दो साल बाद 1989 में बागेश्वर धाम में बाबा जी द्वारा भव्य महायज्ञ का आयोजन किया गया। भक्तों की समस्याओं के समाधान के लिए 2012 में बागेश्वर धाम के सिद्धपीठ में दरबार शुरू किया गया। उसके बाद धीरे-धीरे बागेश्वर धाम के श्रद्धालु इस दरबार से जुड़ने लगे। दावा है की यहां आने वाले लोगों की समस्याओं के समाधान किया जाता है।
बागेश्वर धाम सरकार, पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कौन है ?
वर्तमान में बागेश्वर धाम की बागडोर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के हाथों में है। पंडित धीरेंद्र का जन्म 1996 में छतरपुर (मध्य प्रदेश) जिले के गड़ागंज गांव में हुआ था। उनका पूरा परिवार आज भी गाड़ागंज में रहता है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दादा पंडित भगवान दास गर्ग भी इस मंदिर के पुजारी थे।
पूरा नाम | श्री धीरेन्द्र कृष्ण जी महाराज |
उपनाम | महाराज बगेश्वरधाम |
प्रचलित नाम | बागेश्वर वाले महाराज, बालाजी जी महाराज |
जन्म तिथि | 4 जुलाई 1996 |
जन्म स्थान | गड़ा, छतरपुर, मध्यप्रदेश |
निवास स्थान | गड़ा, छतरपुर |
जाति | पंडित |
धर्म | हिन्दू |
नागरिकता | भारतीय |
राज्य | मध्यप्रदेश |
कहा जाता है कि पंडित धीरेंद्र का बचपन मुश्किलों भरा था। जब वे छोटे थे तो परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि एक समय का भोजन ही मिल पाता था। पंडित धीरेंद्र शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग और माता का नाम सरोज गर्ग है। धीरेंद्र के छोटे भाई शालिग्राम गर्गजी महाराज।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने 11 साल की उम्र से बालाजी बागेश्वर धाम में पूजा करना शुरू कर दिया था. पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दादाजी ने चित्रकूट के निर्मोही अखाड़ा से दीक्षा ली थी। इसके बाद वह गड़ागंज पहुंचे।
क्या है पूरा विवाद ?
बागेश्वर धाम सरकार पं. धीरेंद्र शास्त्री की कथा के दौरान लोगों की समस्याएं सुनने और उसका समाधान करने का दावा किया जाता है। कहा जाता है कि भूत, प्रेत से लेकर बीमारी तक का इलाज बाबा की कथा में होता है। बाबा के भक्तों का दावा है कि बागेश्वर धाम सरकार व्यक्ति की हर तरह की समस्या को देखकर जान लेते है और उसका समाधान करते है।
हालांकि,बागेश्वर धाम सरकार का कहना है कि यह केवल लोगों की अर्जियां भगवान (बालाजी हनुमान) तक पहुंचाने का जरिया मात्र हैं। भगवान उनकी बात सुनकर समाधान देते हैं। इन दावों को नागापुर की अंधश्रद्धा उन्मूलन सोसायटी ने चुनौती दी थी यहीं से विवाद शुरू हुआ।
बागेश्वर बाबा विवाद पर क्या बोलें ?
बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री हमेशा एक छोटी सी गदा रखते हैं। उनका कहना है कि इससे उन्हें हनुमान जी की शक्ति प्राप्त होती रहती है। वह लोगों को हनुमान जी की पूजा करने के लिए भी प्रेरित करते हैं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि वह किसी तरह का चमत्कार नहीं करते हैं। वे केवल बालाजी हनुमानजी के सामने लोगों की अर्जियां लगाते हैं। जिसे बालाजी स्वीकार कर लेते हैं। इसका फायदा आम लोगों को होता है।
अंधविश्वास विवाद सामने आने के बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि वह किसी को अपने दरबार में नहीं बुलाते हैं। लोग अपनी मर्जी से आते हैं। वह भगवान के सामने केवल लोगों की अर्जियां लगाते हैं। बाकी सबकुछ भगवान की तरफ से ही होता है।