मध्य प्रदेश के गुना में एक महिला को आरटीआई के तहत जानकारी नहीं देने वाले तहसीलदार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। गुना के तत्कालीन तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव के खिलाफ सूचना आयोग ने आदेश जारी कर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव को दोषी पाया।
पूरा मामला क्या था ?
गुना की रहने वाली साकीबाई नाम की महिला ने अपने पति रघुवीर सिंह कुशवाह का मकान तोड़े जाने की जानकारी मांगी थी। आवेदक ने विभाग के प्रचलित नियमों के तहत लिखित जानकारी मांगी थी। शिकायतकर्ता महिला ने करीब तीन साल पहले 19 मार्च 2021 को तहसील कार्यालय में लोक सूचना अधिकारी संदीप श्रीवास्तव को RTI आवेदन प्रस्तुत किया था। लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। फिर करीब एक साल बाद 18 फरवरी 22 को एसडीएम कार्यालय में अपील दायर की गई, लेकिन जानकारी नहीं दी गई। शिकायतकर्ता साकिबी ने 31 मई 22 को सूचना आयोग के समक्ष एक आवेदन दायर किया।
आवेदिका सकीबाई ने आवेदन में बताया कि उसने सरकारी जमीन पर मकान बनाया था। तहसील कार्यालय ने 5 हजार रुपये का जुर्माना भी सकीबाई के नाम दर्ज किया था। जबकि मकान पर कब्जा उसके पति रघुवीर कुशवाह का था। तहसील कार्यालय के कर्मचारियों ने अतिक्रमण के बदले 3 लाख रुपये भी वसूले थे, लेकिन आरटीआई मांगी गई तो चक्कर कटवाए गए।
तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव पर क्यों लगा 25 हजार का जुर्माना
सूचना आयोग ने बताया कि विभाग के प्रचलित नियम के तहत आवेदन देने के बावजूद महिला सकीबाई को आरटीआई का जवाब नहीं दिया गया जो कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 5(3) का उल्लंघन है।
संबंधित लोक सूचना अधिकारी तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव जो वर्तमान में खरगोन जिले में पदस्थ हैं। उनके खिलाफ 25 हजार रुपये का जुर्माना अदा करने के निर्देश दिए गए हैं।