MP News : मध्य प्रदेश के इस जिले में मनोविज्ञान से MA, अंग्रेजी साहित्य से BA, अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ाने वाली और लाखों रुपये कमाने वाली मैडम नौकरी छोड़ गांव की सरकार चलाएंगी। जिन्हें ग्राम पंचायत के उप-चुनाव में सरपंच चुना गया, जिसके बाद गांव में खुशिओं का माहौल छा गया। मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक सागर जिले के मडखेड़ा जागीर ग्राम पंचायत में पहली बार इतना पढ़ा-लिखा व्यक्ति सरपंच बना है, जिससे लोगों के मन में विकास की उम्मीद जाग उठी है। दिव्या सिंह ने ग्रामीणों के विश्वास के प्रति आभार व्यक्त करते हुए गांव के सर्वांगीण विकास की बात करते हुए कहा हमारे गांव में सड़क व नालियों की समुचित व्यवस्था नहीं है, जिसे प्राथमिकता के आधार पर ठीक कराया जायेगा और शिक्षा के लिए पूरा प्रयास करेंगी।
दिव्या के मन में गांव के लिए कुछ करने की कब हुई जिज्ञासा?
आपको जानकारी के लिए बता दें सागर की दिव्या सिंह की 3 साल पहले शादी हुई थी। जब वह मड़खेड़ा जागीर गांव स्थित अपने ससुर के घर जा रही तो सड़क के गड्ढे और टूटी नालियां देख उसे बहुत दुःख हुआ तो गांव के लिए कुछ करने की जिज्ञासा हुई लेकिन कुछ कर नहीं सकी। वहीं 2 साल तक सागर में रहने के बाद एक कॉन्वेंट स्कूल में बच्चों को पढ़ाती थी और छुट्टियों में गांव आती-जाती थी। जब उपचुनाव की अधिसूचना जारी हुई तो दिव्या ने कहा कि वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ चुनाव लड़ेंगी और परिवार वाले भी राजी हो गए. उसके बाद 24 साल की दिव्या ने नामांकन फॉर्म जमा कर दिया।
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दिव्या को तहसीलदार ने दिया जीत का प्रमाण पत्र
जयसीनगर जिला पंचायत के मडखेड़ा जागीर में 5 जनवरी को मतदान हुआ। इस ग्राम पंचायत से चार प्रत्याशी दिव्या सिंह, लक्ष्मी ठाकुर, लक्ष्मी रानी पटेल और सुदामाबाई ठाकुर चुनाव में खड़े हुए। जहां चुनाव के बाद वोटों की गिनती नगर तहसील कार्यालय में की गई, तो दिव्या सिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी लक्ष्मीबाई से 68 वोटों से चुनाव जीत गई। उसके बाद दिव्या सिंह को जीतने पर तहसीलदार अनिल कुशवाह ने उन्हें जीत का प्रमाण पत्र सौंपा।