MP News : सरकार की योजनाओं में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही से नाराज छात्रों ने स्कूटी लेने से इनकार कर दिया. यह मामला मध्य प्रदेश के कटनी जिले का है, जहां 70 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को शिवराज सरकार ने स्कूटी बांटी, लेकिन मौके पर पहुंचे विद्यार्थियों ने वाहन को लेकर नाराजगी जताई और वाहन ले जाने से इनकार कर दिया।
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक निवा के एक छात्र अनुराग ने कहा कि उसे 83 प्रतिशत अंक मिले, जिसके कारण उसे स्कूटी लेने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसके लिए उसने पेट्रोल कार का कोटेशन जमा किया था, लेकिन यहां वह एक ई-बाइक की पेशकश कर रहा है। इसलिए बाइक मत ले जाना। अनुराग का कहना है कि अगर गांव में बिजली नहीं होगी तो ई-बाइक कबाड़ हो जाएगी और गांव की सड़कों के लिए खराब है, तीन साल बाद 50 हजार बैटरी बदलने की क्षमता या पैसा नहीं है।
लेकिन अनुराग पहले छात्र नहीं हैं जिन्होंने बाइक लेने से इनकार किया है। यहां पहुंची नाजिया बानो, शिवानी पाल आदि दो दर्जन से अधिक छात्राओं ने वाहन ले जाने से इंकार कर दिया। एनकेजे हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा नाजिया बानो ने कहा कि उन्हें पेट्रोल स्कूटी लेनी थी, लेकिन उनकी बोली इलेक्ट्रिक बाइक के लिए थी। इसलिए जब मैं पेट्रोल बाइक खरीदता हूं तो कोई मुझे परेशान नहीं करता। कई छात्रों के परिजनों ने अधिकारियों की गलती उजागर करते हुए कहा कि सरकार ने ई-बाइक पर 119,000 टका की छूट दी है, लेकिन कार की कीमत 1,100,000 टका है। इस प्रकार वे सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसकी शिकायत के बाद सभी ने कलेक्टर अभि प्रसाद से मिलकर पूछा, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला।