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MP के ये 7 जवान रोकेंगे साइबर क्राइम, अपराधी कैसे करते हैं टारगेट?

MP ही नहीं देशभर में साइबर क्राइम के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। साइबर अपराधियों ने ठगी के नए-नए तरीके भी खोज लिए हैं। इनमें से एक डिजिटल अरेस्ट है, जिसमें अपराधी खुद को वरिष्ठ अधिकारी बताकर ऑनलाइन ठगी करता है। जिस पर काफी ध्यान दिया जा रहा है। अब केंद्रीय स्तर पर इससे निपटने के लिए 1000 कमांडो की टीम को ट्रेनिंग दी जा रही है। जिसमें मध्य प्रदेश के 7 पुलिसकर्मियों का चयन किया गया है।

अपराधी कैसे करते हैं Cyber Crime?

मध्य प्रदेश में डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी का एक नया तरीका बन गया है, जिसके माध्यम से अपराधी पुलिस, सीबीआई या कस्टम विभाग के अधिकारियों जैसे कानून अधिकारी होने का नाटक करते हैं और लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। ये अपराधी वीडियो या ऑडियो कॉल के जरिए लोगों को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर पैसे ऐंठते हैं।

MP के ये सात जवान रोकेंगे साइबर क्राइम

देशभर में बढ़ते साइबर क्राइम के आंकड़ों को देखते हुए बड़ा फैसला लिया गया है। जिसके तहत इन अपराधियों से निपटने के लिए 1000 कमांडो की ट्रेनिंग शुरू हो गई है और इन्हें 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इनमें मध्य प्रदेश से शैलेंद्र राठौर, संदीप वर्मा, अनिल कुमार वर्मा, अनुज समाधिया, अरुण सिंह, मोहित पांडे और गोपाल राम के नाम शामिल हैं।

राकेश कुमार विश्वकर्मा

राकेश कुमार विश्वकर्मा

राकेश विश्वकर्मा को मीडिया के क्षेत्र में 5 वर्षों से अधिक का अनुभव है। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने पत्रकारिता के लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को 'वायरल' बनाने के साथ-साथ राजनीति और मनोरंजन जगत पर भी विशेषज्ञता हासिल की है।

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