हमारी एक इंच जमीन कोई नहीं छीन सकता-प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली।।लद्दाख की गलवान घाटी में चीन से तनाव के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में कई पार्टियों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया। जिसमें एनसीपी प्रमुख और पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि सीमा पर जवान हथियारों के साथ जाते हैं या फिर नहीं ये इंटरनेशन एग्रीमेंट तय करता है। ऐसे संवेदनशील मुद्दों का हमें सम्मान करना चाहिए. इस बैठक के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि भारत की एक इंच जमीन भी दुश्मन के पास नहीं है।
सिक्किम के मुख्यमंत्री और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग ने इस सर्वदलीय बैठक में कहा कि, “हम सभी प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा करते हैं। इससे पहले भी जब देश की सुरक्षा को लेकर बात आई तो प्रधानमंत्री ने काफी बड़े फैसले लिए।”
सोनिया गांधी ने पूछे सवाल
इस बैठक में शामिल हुईं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि ये बैठक पहले ही बुलाई जानी चाहिए थी। जिस दिन चीन ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की तब ही ऐसी बैठक होती तो अच्छा होता। उन्होंने कहा,
“यह बैठक सरकार को लद्दाख और अन्य जगहों पर चीनी घुसपैठ की 5 मई, 2020 को खबरें मिलने के फौरन बाद बुलानी चाहिए थी। हमेशा की तरह पूरा देश एक चट्टान की तरह साथ खड़ा होता और देश की सीमाओं की अखंडता की रक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम में अपना पूरा सहयोग देता।” – सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने सरकार से पूछा कि चीन के सैनिकों ने कौन सी तारीख में भारतीय जमीन पर कदम रखा? उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात का कब पता चला ये भी जानना जरूरी है। साथ ही सोनिया ने सवाल उठाए कि क्या सरकार के पास पहले से ही सैटेलाइट इमेज नहीं थी? क्या इससे पहले ऐसी बड़ी हरकत के लिए कोई भी खुफिया जानकारी सरकार को नहीं मिली?
प्रधानमंत्री मोदी ने दिया जवाब
सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि भारत की किसी भी पोस्ट पर चीन ने कब्जा नहीं किया है। हमारे 20 जवान शहीद हुए लेकिन वो हमें एक सबक दे गए।प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे जवानों को देश की रक्षा के लिए जो भी करना पड़े वो करेंगे. कोई हमारी एक इंच भी जमीन नहीं ले सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“पिछले कुछ सालों में अपने बॉर्डर्स की सुरक्षा करने के लिए हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम किया। अपने सैन्य बलों की जरूरतों, फिर चाहे वो फाइटर प्लेन हों, मिसाइल डिफेंस सिस्टम हों, एडवांस हेलिकॉप्टर हों सभी को प्राथमिकता से पूरा किया गया। चीन सीमा पर जिन क्षेत्रों पर पहले ध्यान नहीं दिया जा रहा था अब दिया जा रहा है।हमारे जवान जबाव देने के लिए सक्षम हैं।” – प्रधानमंत्री मोदी