
एक वयस्क महिला, जिसके भी साथ चाहे, रहने के लिए स्वतंत्र है। दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने यह बात 20 वर्षीय युवती को उसके पति से दोबारा मिलाते हुए कही है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार अपने फ़ैसले में उच्च न्यायालय ने 20 वर्षीय सुलेखा को उसके पति बबलू के साथ रहने की इजाज़त दी है।
सुलेखा के परिवार का आरोप था कि उनकी बेटी नाबालिग़ है और बबलू ने उसका अपहरण किया है। हाईकोर्ट ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए यह फैसला सुनाया है।
वीडियो कॉन्फ़्रेसिंग के ज़रिए हुई सुनवाई में जजों ने सुलेखा से बात की और यह पुष्टि की कि घर छोड़कर शादी करते समय वह वयस्क थी।
फैसला सुनाने के बाद अदालत ने पुलिस को आदेश दिया को वो सुलेखा को सुरक्षित उसके पति बबलू के घर पहुँचाए।
