भारतीय मूल की गीतांजली राव बनी TIME MAGZINE की प्रथम “किड ऑफ द ईयर”
अमेरिका में रहने वाली 15 साल की गीतांजली राव भारतीय मूल की हैं,उन्हें पांच हज़ार बच्चों में से टाइम पत्रिका ने अपने पहले “किड ऑफ द ईयर” के रूप में चुना है।
टाइम मैगजीन TIME MAGZINE ने गीतांजलि राव की तस्वीर के साथ “वैज्ञानिक और आविष्कारक” शीर्षक के साथ अपने कवर पेज पर “किड ऑफ द ईयर” के रूप में प्रकाशित किया है।एक सफेद लैब कोट में, हाथ में पदक पकड़े हुए,गीतांजलि को 14 दिसंबर की टाइम मैगजीन के कवर पर दिखाया गया है। गीतांजलि ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर अफीम की लत से लेकर साइबर बुलिंग और पानी की शुद्धता जांचने जैसे मुद्दों से निपटने में शानदार काम किया है।
टाइम के लिए गीतांजलि का इंटरव्यू अकेडमी अवॉर्ड विजेता और सामाजिक कार्यकर्ता एंजेलिना जोली ने किया है। गीतांजलि से इंटरव्यू लेने वाली एंजेलिना जोली लिखती हैं, “वीडियो चैट पर भी, उनका तेज दिमाग और अन्य युवाओं के लिए प्रेरक संदेश साफ झलकता है। उनका कहना है कि हर समस्या को ठीक करने की कोशिश मत करो, उसी पर फोकस करो जिससे आप उत्तेजित हों।”
गीतांजलि की नई खोज एक ऐप है- जिसका नाम काइंडली है और एक क्रोम एक्सटेंशन है- जो साइबर बुलिंग का पता लगाने के लिए मशीन लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल करता है। जोली के साथ बातचीत में गीतांजलि ने कहा,
“मैंने कुछ शब्दों में हार्ड-कोड करना शुरू किया, जिसे बुलिंग माना जा सकता है, और फिर मेरे इंजन ने उन शब्दों को पहचान लिया जो एक समान हैं। आप एक शब्द या वाक्य टाइप करते हैं, और अगर यह बुलिंग है, तो यह इसे पकड़ लेता है। यह आपको इसे एडिट करने या इसे भेजने का विकल्प देता है।”
Introducing the first-ever Kid of the Year, Gitanjali Rao https://t.co/Hvgu3GLoNs pic.twitter.com/4zORbRiGMU
— TIME (@TIME) December 3, 2020
गीतांजलि आगे कहती हैं,
“ये किसी को सजा देने के लिए नहीं है। एक किशोरी के रूप में, मुझे पता है इस उम्र के लोग कभी-कभी गुस्सा हो जाते हैं। इसके बजाय, यह आपको यह बताने का मौका देता है कि आप क्या कह रहे हैं ताकि आप जान सकें कि अगली बार आपको क्या करना है।”
गीतांजलि का कहना है कि
उनका मकसद सिर्फ अपनी डिवाइस बनाकर दुनिया की समस्याएं सुलझाने तक सीमित नहीं रहा बल्कि अब वे और लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करना चाहती हैं।