किसान आंदोलन के समर्थन में संत बाबा राम सिंह ने की आत्महत्या
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन शामिल संत बाबा राम सिंह ने बुधवार को खुद को गोली मार ली,जिसके बाद उनकी मौत हो गई। यह घटना करनाल में बॉर्डर के पास हुई है। कहा जा रहा है कि संत बाबा राम सिंह किसानों पर सरकार के रवैये से आहत थे।
सरकारी जुल्म के गुस्से के बीच सेवादार आत्मदाह करता है।
किसानों का दुख देखा है अपने हक के लिए सड़कों पर उन्हें देखकर मुझे दुख हुआ है,सरकार इन्हें न्याय नहीं दे रही है,जो कि जुल्म है। जो जुल्म करता है वह पापी है,जुल्म सहना भी पाप है। किसी ने किसानों के हक के लिए तो किसी ने जुल्म के खिलाफ कुछ किया है। किसी ने पुरस्कार वापस करके अपना गुस्सा जताया है,किसानों के हक के लिए। सरकारी जुल्म के गुस्से के बीच सेवादार आत्मदाह करता है। यह जुल्म के खिलाफ आवाज है। यह .किसानों के हक के लिए आवाज है,वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह। सोर्स: NBT