मध्यप्रदेश : बेटियों ने पहाड़ चीर कर बुझाई गाँव की प्यास

दुनिया भर की बेटियों का विशेष दिन अंतर्राष्ट्रीय बेटी दिवस के मौके पर शहरों की बेटियों के अनगिनत किस्से सोशल मीडिया पर शेयर किए जाते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के गांव अगरोठा से बेटियों की हिम्मत और जज़्बे की एक बेमिसाल कहानी सामने आई है जहां सैकड़ों बेटियों ने फावड़ा और कुदाल उठाकर एक पहाड़ी को काट कर अपने गांव में ऐसी जलधार ले आईं जो गांव की प्यास बुझाने के साथ-साथ विकास के लिए भी बेहद जरूरी थी। बेटियों के भागीरथी प्रयास ने गांव के तालाब को पानी से लबालब भर दिया है।
मध्यप्रदेश में छतरपुर के अगरोठा गांव में सिंचाई और जानवरों के पीने के लिए पानी की समस्या विकराल थी। बुंदेलखंड पैकेज अर्थात सरकारी पैकेज़ के तहत अगरौठा गांव में तालाब तो बन गया था लेकिन तालाब को भरने के लिए पानी नहीं था। लेकिन बेटियों के भगीरथी प्रयास ने गांव के तालाब को पानी से लबालब भर दिया है।
#MadhyaPradesh: Women in Agrotha village of Chhatarpur district dug over 18 months through a hill, to channel water into local village pond
"There's a water problem here. 250 women of our village dug a channel to get water to flow into the pond," says Batibai Adivasi, a villager pic.twitter.com/87CcyjC55H
— ANI (@ANI) September 27, 2020
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गांव की करीब 250 महिलाओं ने एक पहाड़ी को काटकर छोटी सी नहर बनाने की ठान ली। इसके लिए उन्होंने पानी पंचायत समिति बनाई और काम शुरू कर दिया। उन्होंने 18 महीने तक काम किया। जल सहेलियों के नाम से अपनी अलग पहचान बनाने वाली इन महिलाओं को इस काम के बदले कुछ नहीं मिलता था। यह महिलाएं अपनी नियमित मजदूरी का काम छोड़कर यह काम करती थीं। जिस दिन ये महिलाएं यहां काम करती थीं, उन्हें उस दिन की अपनी मजदूरी से भी हाथ धोना पड़ता था।
