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BIHAR POLTICS : CM से PM तक पिक्चर अभी बाकि है!


नुरुल होदा

नुरुल होदा

नुरुल होदा, स्वतंत्र पत्रकार और रिसर्च स्कॉलर जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली

बिहार की जनता ने किसे अपना नेता माना और किसी सत्ता दिया. इस पर चर्चाएं हर रोज हो रही हैं.मगर पूरी पिक्चर अभी शुरू भी नहीं हुई है. 125 सीटों के साथ एनडीए पूर्णबहुत में है सरकार भी बना सकती है.जबकि बहुमत के लिए 124 सीटें चाहिए थी. उधर विपक्ष मतदान गिनती में धांधली का आरोप भी लगा रहा है. खैर सरकार किसकी बनती और मुख्यमंत्री कौन होगा. जल्द ही पता चल जाएगा. लेकिन इन सब से अलग कुछ बातें हैं जो डगमग-डगमग राजनीति के तरफ इशारा कर रहा है. आप जानते ही होंगे एनडीए को 125 सीट मिली हैं, जिसमें 74 भाजपा के पास है और 43 नीतिश कुमार के पास और इनकी गठबंधन के सन ऑफ़ मल्लाह 4 सीट पर जीत दर्ज किए है और हम पार्टी 4 सीट पर. अब पुरा दामोदर नीतिश कुमार पर हैं. उधर भाजपा से भी स्वर उठ रहे हैं कि मुख्यमंत्री भाजपा का हो. लेकिन 15 साल से मुख्यमंत्री पद पर काबिज नीतिश कुमार सीएम बनने से पीछे नहीं हटेंगे. अगर ज्यादा प्रेशर भाजपा के तरफ से डाला गया तो नीतिश कुमार महागठबंधन के तरफ भी रुख कर सकते हैं. नीतिश के लिए पाला बदलना कोई नई बात नहीं है. नीतिश कुमार भाजपा के साथ भी सत्ता में रहे हैं और राजद के साथ भी.

नीतिश कुमार बिहार में राजद और कांग्रेस के बाद सेक्युलर फेस हैं. भाजपा के साथ सत्ता में रहते हुए भी नीतिश कुमार सेक्युलर चेहरा बने रहे. अब आते हैं असल मुद्दे पर 2015 में महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ कर मुख्यमंत्री बने थे. तब लालू प्रसाद ने उन्हें दिल्ली की तैयारी करने के लिए बोला था यानी प्रधानमंत्री बनने की तैयारी के लिए. हालांकि नीतिश कुमार उस समय ऐसी बातों को अकसर अनसुना करते रहे हैं. लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव को उन्होंने अपना आख़िरी चुनाव कहा है. जी हाँ विधानसभा चुनाव को. ना कि राजनीति से संन्यास लेने की बात कही. नीतिश कुमार के पास इस समय दो ऑप्शन मौजूद है. एक महागठ्बंधन के साथ मिलकर मुख्यमंत्री बनना और दुसरा 2024 के चुनाव में बतौर प्रधानमंत्री के रूप में खुद को देखना. वैसे भी विपक्ष के पास आज भी पीएम चेहरा नहीं है और मोदी के प्रधानमंत्री रहते होगा भी नहीं. नीतिश कुमार के बारे में कहा जाता है कि वो पुराने राजनीतिक खिलाड़ी है, राजनीतिक में कैसे खेलना है वो बखूबी जानते हैं और नीतिश कुमार के साथ सबसे अच्छी बात है कि वो लगातार 15 साल से बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं और केंद्र में रेलमंत्री भी. तो ऐसे में तजुर्बा के मामले में नीतिश कुमार पूरी तरह से लबरेज हैं.

सबसे अहम बात अगर नीतिश कुमार भाजपा के साथ सरकार बनाते हैं तो एक बड़ा खेल खेल सकते हैं. इसका नतीजा आपको 6 माह में दिखने लगेगा.अगर महागठ्बंधन के साथ सरकार बना लेते हैं तो भी 6 माह में चीजें साफ़ होनी शुरू हो जाएगी. जबकि भाजपा वाले भी भली भांती जानते हैं. नीतिश कुमार कभी भी पलटी मार सकते हैं. उसके बावजूद भी भाजपा हमेशा चाहेगी कि नीतिश से सर्तक रहे और उन्हें भाजपा से ऐसे जोड़ कर रखे की 2024 के लोकसभा चुनाव वो भाजपा गठबंधन में रह कर ही लड़े.

( इस आर्टिकल में लेखक के अपने विचार हैं. इन विचारों से urjanchaltiger.com का सहमत जरूरी नहीं है.)

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Tauheed Raja

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