
रमज़ान के मुक़द्दस महीने में रोज़ा रखना हर मुसलमान के लिए फर्ज हैं।लेकिन इस चिलचिलाती गर्मी में रोज़ों के साथ अगर आप कुछ ऐहतियात रखेंगे, तो आप आसानी से रोज़े रह सकेंगे।
नीयत कैसे करें
- रात में रोजे की नीयत – ‘नवैतु अन असू म गदन लिल्लाहि तआला मिन फ रजि रमजान’
- और दिन में नीयत इस तरह करें- ‘नवैतु अन असू म हाजल यौम लिल्लाहि तआला मिन फरजिरमाजना’।
- रोज़ा इफ्तार करने के वक्त रोजा इफ्तार की दुआ पढ़ें- ‘अल्लाहुम्मा लक सुम्तु व बि क आमन्तु व अलैक तवक्कलतु व अला रिजकि क अफतरतु फगफिरली मा कद्दम्तु व मा अख्खरतु।
क्या होता है सहरी और इफ्तार
रमजान के दिनों में फ़जर की नमाज़ (सूरज उगने) से पहले खाए गए खाने को सहरी कहा जाता है। वहीं, मगरीब के अज़ान के बाद बाद रोजा खोलने को इफ्तार कहा जाता है।
क्या है,रमजान के महीने के तीन अशरे
रमजान के महीने में तीन अशरे होते है जिसमें पहला अशरा 1से10 दिन तक रहमत का अशरा का होता है। दूसरा अशरा 11वें से 20 वें दिन तक का होता है जिसमें गुनाहों की माफी मांगने का होता है। तीसरा अशरा 21वें से 30वें दिन तक का होता है,जिसमें जहन्नम की आग से खुद को बचाने के लिए दुआ करते हैं।
रमज़ान में कैसा हो आपका डाइट
सेहरी में तली चीज़ों से परहेज करें, इससे आपको प्यास कम लगेगी और आपका Digestive System सही रहेगा। सेहरी में एक-दो खजूर जरूर खाएं। अपनी डाइट में फलों और हरी सब्जियों का इस्तेमाल करें। सेहरी में दूध और दही लेना भी बेहतर रहता है। इसके अलावा सेहरी में मल्टी ग्रेन ब्रेड, चोकर मिले आटे की रोटी, अंडा भी ले सकते हैं। शाम को इफ्तार के समय खजूर से रोज़ा खोलें। साथ ही फ्रूट्स खाएं। इसके साथ सलाद, सब्जी, रोटी, दाल या चिकन खा सकते हैं। फ्राइ और ऑयली आइटम जितना कम लें, बेहतर है।