हर दिन “ज़िन्दगी दिवस” मानाया किजिए !
सतीश कौशिक कल तक बिल्कुल ठीक थे, होली खेली, मस्ती की, दोस्तों और परिजनों के साथ हंसी-खुशी त्योहार मनाया और रात को दुनिया छोड़ दिए ।

नवेद शिकोह (लखनऊ)।। मदर डे, फादर डे, महिला दिवस, पुरुष दिवस, प्रेम दिवस, पर्यावरण दिवस…… भले ही साल में एक एक-एक दिन मनाया जाता हो। लेकिन ज़िन्दगी दिवस हर दिन मनाया कीजिए। आज के दिन भी हमे ज़िन्दगी की नेमत नसीब हुई, इस बात के शुक्र का एहसास कीजिए। शायद किसी भी धर्म में इबादत का कॉन्सेप्ट भी यही है। आज के दिन भी जीवन मिला इस बात का थैंक्यू होती है प्रार्थना, पूजा,अर्चना/इबादत।
ये तस्वीर खुशमिजाज, कामयाब,नामी गिरामी, तंदुरुस्त, रोगमुक्त, तनावमुक्त और खुशहाल फिल्म निर्देशक और अभिनेता सतीश कौशिक की है। कल तक बिल्कुल ठीक थे, होली खेली, मस्ती की, दोस्तों और परिजनों के साथ हंसी-खुशी त्योहार मनाया और रात को दुनिया छोड़ दिए ।
इनकी जिन्दगी का आखिरी दिन होली का दिन था।
हमारी-आपकी जिन्दगी का कोई ना कोई दिन आखिरी होगा। इसलिए हर दिन की अहमियत समझिए और हर दिन ज़िन्दगी का जश्न, जिन्दगी डे मनाया कीजिए।
ना जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाए।