ओम प्रकाश शाह।। सासन चौकी अंतर्गत मकरोहर गाँव निवासी छात्रा सरीता शाह परिवर्तित नाम के लापता होने की शिकायत परिजनों ने कोतवाली बैढ़न के सासन चौकी में 18 जून को दर्ज कराई थी। इसके बाद 10 जुलाई को नाबालिग युवती के नर कंकाल मकरोहर गांव के पास मिला,जिसे परिजन गुमशुदा युवती का होने का दावा कर रहें हैं। शिकायत दर्ज होने के बाद भी कोई ठोस कार्यवाही पुलिस द्वारा नहीं किए जाने और नर कंकाल मिलने के बाद भी पुलिस ढुलमुल रवैया को देख कर परिजनों के साथ-साथ स्थानीय लोगों का सब्र टूट गया। और भारी संख्या में लोगों ने सासन चौकी का घेराव करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी,फांसी की सजा और चौकी प्रभारी सहित मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस के बर्खास्तगी की मांग करने लगें। पुलिस चौकी के घेराव की खबर लगते ही अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप शेंडे ,नगर पुलिस अधीक्षक देवेश पाठक,कोतवाली टीआई अरुण पाण्डेय दलबल सहित पहुँच कर मामले में उचित कार्यवाही का भरोषा दे कर आक्रोशित उमड़े जन सैलाब को शांत कराया।
आरोपी को गिरफतार कर न्यायालय में पेश किया
दिन ढलते पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया की आरोपी आलम अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया है और आरोपी विरुद्ध दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया है। एडिशनल एस पी प्रदीप शेन्डे ने पत्रकारो को बताया कि आरोपी अलाम अंसारी ने सम्पूर्ण घटना अकेले करने की बात कबूल किया है।उक्त आरोपी किशोरी से शादी का झांसा देकर उसके साथ ज्यादती करता रहा जब बात शादी करने की सामने आई तो आरोपी शादीशुदा निकला।हुआ यह कि आरोपी ने 18 जून को घटनास्थल पर किशोरी को बुलाकर उसकी निर्मम हत्या कर दी।पुलिस ने जांच के आधार पर धारा 376, 376(2)(एन),302,201भादवि एवं 4/6 पास्को एक्ट की तहत मामला पंजीबद्ध किया।
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पुलिस की कार्यवाही सवालों के घेरे में
नर कंकाल मिलने के सप्ताह भर बाद भी चौकी प्रभारी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने का आरोप लगते हुए खमरिया निवासी मृतिका के परिजनों का कहना था मैंने अपनी बेटी के लापता होने की सूचना कोतवाली बैढ़न के सासन चौकी में 18 जून को दी और आरोपी पर आशंका जाहीर करते हुए कार्यवाही करने की मांग की थी। लेकिन पुलिस कार्यवाही करने के बजाय डांट फटकार कर पुलिस चौकी से भागा देती थी।
न्याय में देरी, अन्याय है
कहा जाता है न्याय में देरी, अन्याय है (Justice delayed is justice denied) न्याय के क्षेत्र में प्रयोग किया जाने वाली लोकप्रिय सूक्ति है। इसका भावार्थ यह है कि यदि किसी को न्याय मिल जाता है किन्तु इसमें बहुत अधिक देरी हो गयी हो तो ऐसे ‘न्याय’ की कोई सार्थकता नहीं होती। सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है सिंगरौली जिले में हुए किशोरी हत्याकांड का केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाएगा ताकि न्याय जल्द मिले।