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सिंगरौली जिला हॉस्पिटल : मानवीय संवेदना को दरकिनार कर,चल रहा उपचार

सिंगरौली।। सरकारी अस्पताल की हालत भारत देश के लगभग सभी जिलों में एक जैसी ही है जिससे कि हम सभी बखूबी वाकिफ हैं । सरकारी अस्पताल में एक तरफ जहां असुविधा का अंबार लगा होता है वह इन सुविधाओं के बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कि चांदी काट रहे होते हैं और इनकी मानवीय संवेदनाएं पूरी तरह से समाप्त हो चुकी होती हैं अव्यवस्था का आलम का अंदाजा आप इस तरह से ही लगा सकते हैं कि यहां इलाज के नाम पर मरीज को भर्ती तो जरूर कर लिया जाता है परंतु उसका इलाज भगवान भरोसे ही चलता है । जिले की सरकारी अस्पताल का हाल जानने के लिए जब रात्रि के समय अस्पताल परिसर में भ्रमण किया गया उस समय जो तस्वीरें हमारे कैमरे में कैद हुए उसको बयां कर पाना बड़ा ही कष्टदाई है ।

क्या है मामला

छत्तीसगढ़ के रहने वाले कन्हैया लाल का डेढ़ वर्ष का बेटा मुकेश खेलते हुए गर्म तेल की कढ़ाई पलट जाने के कारण गंभीर रूप से जल गया जिसके बाद बच्चे के पिता के द्वारा मध्य प्रदेश की सीमा में सिंगरौली जिले के जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया । जहां पर मुकेश को जिला अस्पताल में भर्ती तो कर लिया गया है परंतु बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर अस्पताल प्रबंधन जरा भी गंभीर नजर नहीं आया।

बच्चे के शरीर पर पड़े फफोले

बच्चे को देखने के बाद यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि यह बच्चा काफी गंभीर रूप से जला है एवं गर्म तेल से जलने के बाद बच्चे के शरीर पर फफोले भी पढ़ाए हैं। अब इनको फफोलों के कारण बच्चा दर्द से कराह रहा है। वहीं डॉक्टर ने अपना फर्ज निभाते हुए लोसन रिकमेंड कर कोरम पूरा कर दिया ।

https://youtu.be/d5_DlJWeJss

कॉमन वार्ड में ही किया भर्ती

वैसे तो अस्पतालों में बर्न केस के मरीज को अलग से आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है क्योंकि जले हुए व्यक्ति के शरीर पर संक्रमण का खतरा होता है अतः इन्हें कॉमन वार्ड से हटाकर अलग वार्ड मे रखने का प्रावधान है। बावजूद इसके यहां लगभग शरीर का आधा हिस्सा जल जाने के बावजूद भी बच्चे को कॉमन वार्ड में रखा गया है। एक तरफ जहां संपूर्ण विश्व कोरोनावायरस की महामारी से जूझ रहा है वहीं दूसरी तरफ बरसात का सीजन होने के कारण अन्य संक्रमण का खतरा भी लगातार बना हुआ है ।

अस्पताल के पार्किंग में बिता रहे हैं रात

रात्रि में अस्पताल भ्रमण के दौरान हमारे कैमरे में जब यह नजारा कैद हुआ तो यह सारा मंजर मालूम हुआ संबंधित घटनाक्रम की जानकारी लेने के उपरांत जब पार्किंग में बैठने के बात पूछी गई तब इस मामले का खुलासा हुआ घटनाक्रम को बताते हुए पीड़ित के द्वारा बताया गया कि हम गरीब हैं हमारी कोई नहीं सुनता।

इनका कहना है। 

बर्निंग मामले में पहले कॉमन वार्ड में ही रखा जाता है,बाद में बर्निग वार्ड में सिफ्ट किया जाता है। जिला अस्पताल में बर्निग वार्ड बना है लेकिन अभी चालू नहीं हुआ है। डॉ आर पी पटेल, मुख्य चिकित्साधिकारी 

 

अजीत नारायण सिंह

अजीत नारायण सिंह

urjanchaltiger.com में उत्तर प्रदेश की खबरे लिखता करता हूं। राजनीति, क्राइम, और स्थानीय खबरें लिखने में रुचि रखता हूं।

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