मध्यप्रदेश : असुरक्षित हैं बेटियां, रेप पर आखिर कैसे लगे लगाम !
कहते हैं न उम्मीद पर दुनिया टिकी है,तो यहां की जनता को यह उम्मीद है की "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" का नारा देने वाली पार्टी की सांसद महोदया इस गंभीर विषय पर जरूर कोई ठोस कदम उठाएंगी। उम्मीद तो जिले के जनप्रतिनिधियों से भी है लेकिन आज कल आरोप प्रत्यारोप में इतने व्यस्त हैं की उन्हें मासूमों कि जिंदगी बर्बाद करने वालों के लिए दो शब्द कहने की भी फुर्सत नहीं। फुर्सत तो उन समाज सेवकों को भी नहीं जो समाज सेवा के नाम पर बीमार और लाचार लोगों को फल देकर,फोटो खिंचवा कर,सोशल मीडिया पर चहल कदमी करते घूमते दिखते थे। कोरोना काल में सेवा के नाम पर आमद कम हो जाने से आजकल दिखाई ही नहीं देते।

नाबालिक के साथ दुष्कर्म करने वाले दरिन्दों को मोरवा पुलिस ने सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है।लेकिन जिस प्रदेश के मुखिया खुद को बेटियों का मामा कहते हों उस प्रदेश के सिंगरौली जिले में आए दिन हो रहे दुष्कर्म के मामले पर अंकुश न लग पाना बेहद चिंताजनक है।
क्या था मामला,कैसे चढ़े आरोपी पुलिस के हत्थे?
पीड़िता 23 जून को जब सिंगरौली बाजार से वापस अपने घर जा रही थी तभी चतरी चौराहे पर इंसान के भेष में छुपे 2 दरिन्दों ने नाबालिक के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता के परिजनो के साथ मोरवा थाने में जाकर दरिन्दों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए न्याय की गुहार लगाई थी। मोरवा थाना प्रभारी ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए आरोपी के विरुद्ध अ. क्र. 278/20 धारा 376,376 डी,506 ता. हि. 5-जी 6 पाक्सो एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध कर तत्काल अलग-अलग टीम बनाकर आरोपी संजय साकेत पिता सिंघलाल साकेत उम्र 24 वर्ष निवासी बछनार एंव विनोद साकेत पिता रामकिशुन साकेत उम्र 23 वर्ष निवासी बछनार को गिरफ्तार कर लिया है।
…..तब दुष्कर्म की घटना पर लगाम लगेगा।
कहते हैं न उम्मीद पर दुनिया टिकी है,तो यहां की जनता को यह उम्मीद है की “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” का नारा देने वाली पार्टी की सांसद महोदया इस गंभीर विषय पर जरूर कोई ठोस कदम उठाएंगी। उम्मीद तो जिले के जनप्रतिनिधियों से भी है लेकिन आज कल आरोप प्रत्यारोप में इतने व्यस्त हैं की उन्हें मासूमों कि जिंदगी बर्बाद करने वालों के लिए दो शब्द कहने की भी फुर्सत नहीं।
फुर्सत तो उन समाज सेवकों को भी नहीं जो समाज सेवा के नाम पर बीमार और लाचार लोगों को फल देकर,फोटो खिंचवा कर,सोशल मीडिया पर चहल कदमी करते घूमते दिखते थे। कोरोना काल में सेवा के नाम पर आमद कम हो जाने से आजकल दिखाई ही नहीं देते।
बहरहाल, कोरोना जैसे महामारी से निपटने के साथ-साथ ऐसे आरोपियों को भी पकड़ कर उनके उचित स्थान पर पहुंचाने का कार्य करने वाले पुलिस महकमा का जिले में भूमिका यकीनन काबिले तारीफ़ है। मेरा मानना है अब आम जनता को ही जागरूक होना पड़ेगा तभी ऐसे मामले थमेंगे। पुलिस का काम है मुजरिमों को पकड़ना,सजा देना नहीं। अब आम जनता को ही न्याय के लिए लड़ना होगा। जब ऐसे आरोपियों को कठोर सजा मिलेगा तब दुष्कर्म की घटना पर लगाम लगेगा।

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