सिंगरौली पुलिस ने 45 लाख के 385 बोरी धान का अवैध परिवहन करते 06 वाहन किए जप्त
सिंगरौली।।कोतवाली पुलिस ने उ.प्र. से म.प्र. के सिंगरौली जिले में वाहनों द्वारा धान की बोरियो को उपार्जन केन्दों में सफ्लाई करने वाले आरोपियों को 45 लाख कीमती 385 धान की बोरियो के साथ पकड़ा।
12 जनवरी को कोतवाली थाना प्रभारी को मुखबिर से सूचना मिली कि उ.प्र. के कुछ व्यापारी म.प्र. में धान की बोरियो की सफ्लाई करने वाले है सूचना मिलते ही कोतवाली थाना प्रभारी अरुण कुमार पांडेय ने तत्काल एक टीम बनाकर बलसोता चौकी के करोटी में नायब तहसीलदार दिव्या सिंह,आर एम शुक्ला कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी एंव सहकारिता विस्तारक अधिकारी के साथ नाकाबंदी करके धान से लोड 3 पिकप को चालको के साथ धर दबोचा। रेड कार्यवाही में पुलिस को आरोपियों के पास से धान की 180 बोरिया बरामद हुआ।
कोतवाली पुलिस ने आरोपी राकेश केशरी पिता नंदू केशरी निवासी पैथोयाथर सोनभद्र, बनारसी केशरी पिता नंदू केशरी निवासी पैथोयाथर सोनभद्र एंव विपिन केशरी पिता अयोध्या केशरी निवासी चपकी थाना बम्हनी के विरुद्ध धारा 420,418 के तहत मामला पंजीबद्ध कर आरोपियों को न्यायालय में पेश किया।
इसी प्रकार कोतवाली पुलिस ने गहिलरा धान उपार्जन केंद्र में अवैध रूप से धान बिक्री करने की सूचना पर पुलिस ने क्षेत्रीय तहसीलदार जान्हवी शुक्ला एंव सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर रेड कार्यवाही करके 2 ट्रैक्टरों को 205 धान की बोरियो के साथ धरदबोचा।
पुलिस ने आरोपी रविकांत गुप्ता पिता राम प्रसाद गुप्ता निवासी नगवा के विरुद्ध धारा 420,418 के तहत मामला पंजीबद्ध कर न्यायालय में पेश किया।
कोतवाली पुलिस ने रेड कार्यवाही में 3 पिकप,2 ट्रैक्टर से 385 धान की बोरियो सहित कुल 45 लाख मशरुकता बरामद किया।
क्या बगैर जिम्मेदारों के सांठगांठ के ऐसा संभव है ?
उ.प्र. से म.प्र. में धान की बोरियो की सप्लाई करने वाले आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा तो जरूर जा रहा है लेकिन बड़े ताबजुब की बात है कि जो उ.प्र. के व्यपारियो के धान की बोरियो को सिंगरौली जिले के उपार्जन केंद के अधिकारी जो खरीद रहे थे उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही क्यों नही ? क्या बगैर जिम्मेदारों के सांठगांठ के ऐसा संभव है? ऐसे में ऐसी कार्यवाही महज़ टोटका ही बन रह जाएगा,जिससे साहेब अपनी पीठ तो थपथपा लेंगें लेकिन खेल अंदर खाने में चलता रहेगा, जैसे नशे के कारोबारियों पर आए दिन कार्यवाही की ख़बर तो सुर्खियां बनती है लेकिन नशे का अवैध कारोबार पर अब तक अंकुश लगा नहीं।