Suryakumar Yadav : ICC टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल मैच में सूर्यकुमार यादव ने डेविड मिलर का कैच लेकर दर्शकों के दिलों पर छाप छोड़ दिया। जहां आखिरी ओवर में बाउंड्री वाली गेंद को लपक कर सूर्या ने मैच का रुख ही बदल दिया। जब टीम इंडिया जीत के लिए संघर्ष कर रही थी तब सूर्यकुमार यादव ने बाउंड्री के पास डेविड मिलर का अविश्वसनीय कैच लिया, जिसके बाद भारत के लिए जीत दर्ज करना बेहद आसान हो गया।
BREAKING and EXCLUSIVE 🚨
"We had a motto and it was ‘Keep your mind where your feet is’" says #SuryaKumarYadav.
He says #RohitSharma had given this and made sure everyone stayed in the present and no one thought too far ahead.
Says He can speak on Rohit for weeks. Speaks on… pic.twitter.com/HMNSouAosq
— RevSportz Global (@RevSportzGlobal) July 3, 2024
अविश्वसनीय कैच को लेकर Suryakumar Yadav का बड़ा बयान
सूर्यकुमार यादव ने कहा कि जब वह यह कैच ले रहे थे तो कुछ सेकेंड के लिए स्तब्ध रह गए। यह भी कहा की रोहित भाई आमतौर पर कभी लॉन्ग-ऑन पर खड़े नहीं होते, लेकिन उस समय वह वहां थे। जब गेंद आ रही थी तो एक पल के लिए मैंने उसे देखा और उन्होंने मुझे। मैं दौड़ा और मेरा लक्ष्य गेंद को पकड़ना था, अगर रोहित पास होते तो मैं गेंद उन्ही की ओर फेंक देता, लेकिन वह पास नहीं थे। उन चार-पाँच सेकंड में क्या हुआ, मैं बता नहीं सकता। इसके लिए मुझे जितनी प्रतिक्रिया मिल रही है, लोग कॉल कर रहे हैं, मैसेज कर रहे हैं, मेरे फोन पर एक हजार से ज्यादा मैसेज हैं। ये कैच सोशल मीडिया पर वायरल है। मैं आभारी हूं कि मैं खेल के उन पांच सेकंड के लिए वहां था।
सूर्य कुमार यादव का ये कैच आने वाले कई सालों तक जब देखेंगे तो सोचेंगे ये क्या सच में हुआ था? क्या एनिमेशन था? क्या जादू हुआ था?@surya_14kumar #T20WorldCup #Indiawon #SuryaKumarYadav pic.twitter.com/eKZHxkIeQl
— Gaurav Srivastav (@gauravnewsman) June 29, 2024
Suryakumar Yadav कैच को लेकर चल रहे विवाद पर तोड़ी चुप्पी
सूर्या के शानदार कैच ने विवाद खड़ा कर दिया, अफ्रीकी प्रशंसकों का दावा है कि कैच लेते समय उनका पैर सीमा रेखा को छू गया था। ऐसे में सूर्या ने इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा, जब मैंने गेंद को बाहर धकेला और कैच लिया, तो मुझे पता था कि मैंने रस्सी को नहीं छुआ है। मैं इस बात को लेकर सावधान था कि जब मैं गेंद को वापस पकड़ूं तो मेरा पैर रस्सी से न टकराए। मैं जानता था कि यह एक परफेक्ट कैच था। वहां आख़िरकार कुछ भी हो सकता था। यदि गेंद छह जाती तो समीकरण पांच गेंदों पर 10 रन का होता। फिर भी हम जीत सकते थे, लेकिन अंतर अलग होता।’