पैसे के लिए बांधकर रखने वाले सिटी हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन रद्द,प्रबंधक के विरूद्ध FIR
राजगढ़ जिले के ग्राम रनारा थाना छापीहेड़ा के श्री लक्ष्मीनारायण पिता गुलाब दांगी को शाजापुर के निजी चिकित्सा संस्था सिटी हॉस्पिटल में ईलाज के दौरान पलंग से बांधकर रखने के कारण सिटी हॉस्पिटल को जारी लायसेन्स एवं रजिस्ट्रेशन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा आगामी आदेश तक निलंबित किया गया है। साथ ही संबंधित संस्था के प्रबंधक श्री नितेश शर्मा पिता नारायण शर्मा निवासी गैस गोडाउन शाजापुर के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 342 के तहत कोतवाली थाना शाजापुर में अपराध पंजीबद्ध किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा सिटी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. वरूण बजाज की उपस्थिति में अस्पताल के कक्ष क्रमांक 1 से 6 तक को सील कर आगामी आदेश तक अस्पताल के संचालन पर रोक लगाई है।
इस घटना पर कड़ी कार्यवाही करते हुए CMHO और प्रशासन ने सिटी हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर उसको सील कर दिया है।
अस्पताल के प्रबंधक के ख़िलाफ़ एफ़॰आई॰आर॰ दर्ज कर पूरे प्रकरण की पुलिस जाँच हो रही है। https://t.co/g7fl3wm1Xe
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 8, 2020
कलेक्टर दिनेश जैन ने बताया कि
विगत दिनों मीडिया में जिला मुख्यालय की निजी चिकित्सा संस्था सिटी हॉस्पिटल में राजगढ़ जिले के लक्ष्मीनारायण को ईलाज के दौरान पलंग से बांधने संबंधी समाचार प्रकाशित एवं प्रसारित हुआ था। उक्त समाचारों को शिकायत मानते हुए जिला प्रशासन ने घटना की जाँच के लिए अनुविभागीय अधिकारी के नेतृत्व में संयुक्त जाँच दल बनाया। इसके साथ ही श्री लक्ष्मीनारायण एवं उनकी पुत्री तथा अन्य गांव वालों के बयान दर्ज करने के लिए शाजापुर से एक मजिस्ट्रेट को राजगढ़ जिले के ग्राम रनारा भेजा गया था। दल द्वारा दिए गए प्रतिवेदन अनुसार पैर बांधने की घटना प्रथम दृष्टया सत्य पाई गई। इसे देखते हुए सिटी हॉस्पिटल के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है।
बेटी बकाया बिल जमा नहीं कर पाई तो पिता को बंधक बना लिया
शाजापुर के सिटी अस्पताल में भर्ती बुजुर्ग मरीज को पलंग पर बांधने का वीडियो शनिवार को वायरल हुआ था। मरीज का नाम लक्ष्मीनारायण है और वह पड़ोसी राजगढ़ जिले के रनारा गांव का निवासी है। मरीज की बेटी ने आरोप लगाया कि शुक्रवार रात पैसे खर्च होने पर जब पिता की छुट्टी करानी चाही तो अस्पताल ने और पैसे मांगे। लगभग करीब 11 हजार रुपए पहले ही दे चुके थी। बेटी ने उसके पास बकाया बिल जमा करने के लिए पैसे नहीं होने की दलील दी और फाइल मांगी, इस पर अस्पताल के लोगों ने बुजुर्ग मरीज को पलंग से बांध दिया। इस बीच हंगामा हुआ तो प्रबंधन ने मरीज को जाने दिया। वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने दलील दी कि बुजुर्ग को दिमागी बुखार है और उस पर नियंत्रण के लिए उसे पलंग से बांधा गया। मामले के तूल पकड़ने के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया और उसने प्रारंभिक जांच के बाद अस्पताल को बीते रविवार रात को सील कर दिया गया था ।