सिंगरौली में मिला प्रदेश का पहला ग्लूकोनाइट खदान,बदलेगी किसानों की किस्मत।
सिंगरौली। काले हीरे की नगरी में ग्लूकोनाइट का भंडार मिला है। यह अयस्क मध्य प्रदेश को खाद संकट से उबारने में कारगर साबित हो सकता है। चितरंगी क्षेत्र के साढ़े 7 सौ हेक्टेयर मे इसका भंडारण मिला है ।इसका अंतर्गत एक दर्जन से अधिक गाँव शामिल हैं। अब इस अयस्क के खनन की तैयारी चल रही है। यह प्रदेश की पहली ग्लूकोनाइट खदान होगी।
सिंगरौली के इन गाँव में मिला है ग्लूकोनाइट
खनिज विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया ग्लूकोनाइट पाए जाने वाले रकबे को तीन भाग मे विभाजित किए जाने कि योजना है। शासन कि मुहर लगाने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है उन्होने आगे बताया कि जियोलॉजिक सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा पूर्व में किए गए सर्वे के मुताबिक देवरा, घोघारी, लहिया, लेड़ुआखांड़, काजपुरवा, बर्दी, मुड़पेलीकला, धुपखरी व बरहट सहित अन्य गांवों में 7.5 सौ हेक्टेयर से अधिक रकबा में ग्लूकोनाइट का अयस्क पाया गया है।
खाद बनाने में होगा ग्लूकोनाइट का उपयोग
अधिकारियों ने बताया कि ग्लूकोनाइट में पोटाश व मैग्नीज ऑक्साइड जैसे कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जिनका उपयोग रासायनिक खाद बनाने में किया जाता है। यह मध्य प्रदेश का पहला क्षेत्र है, जहां बड़े हिस्से में ग्लूकोनाइट का भंडारण पाए जाने पर खनन की योजना बनाई गई है।
ग्लूकोनाइट की माइनिंग के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। तीन ब्लॉक का यहां आवंटन होगा। पूरी उम्मीद है कि खनन संबंधित प्रस्ताव पर सहमति के साथ जल्द ही निविदा प्रक्रिया शुरू होगी। क्षेत्र में कितनी मात्रा अयस्क भंडारित है, इसका अभी सही आकलन किया जाना बाकी है। निविदा से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
ए के राय, खनिज अधिकारी सिंगरौली